विश्व हिंदी दिवस पर निबंध

विश्व हिंदी दिवस पर निबंध

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By Sachin Dangi

अगर आप विश्व हिंदी दिवस पर निबंध की तलाश में है तो आपको इस लेख में यह निबन्ध मिल जाएगा।

विश्व हिंदी दिवस पर निबंध – Essay on World Hindi Day

प्रस्तावना

World Hindi Day 2023 : हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, इस दिन सामूहिक रूप से कई सांकृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं ताकि लोगो को हिंदी भाषा का महत्व समझाया जा सके और इसके महत्व को बढ़ाया जा सके। विद्यालयों, महा विद्यालयों, सरकारी संस्थानों आदि जगह पर इस दिवस को आयोजित किया जाता है। प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को आयोजित हुआ था, यह सम्मेलन नागपुर में आयोजित हुआ था जिसके बाद हिंदी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कांग्रेस सरकार ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी।

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हिंदी का महत्व

हिंदी भाषा बोलने वालो की संख्या 80 करोड़ से अधिक है, यह विश्व की बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। हमारे देश में राष्ट्रिय हिंदी दिवस भी मनाया जाता है यह 14 सितम्बर को हर वर्ष आयोजित होता है। इसकी शुरुवात इसलिए की गयी थी क्योकि 14 सितंबर 1949 हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। अगर हम हिंदी भाषा को महत्व नही देंगे तो समय के साथ हमारे देश पर दुसरे देश की भाषा का एकाधिकार हो जाएगा जिससे हमारे धर्म, और हमरी संस्कृति में भी परिवर्तन आएगा।

हिंदी और संस्कृति

हिंदी सबसे प्राचीनतम भाषा है जो पश्चिमी सभ्यता के कारण अपना अस्तित्व खोती दिख रही है इसलिए हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार की जरूरत है। भारत का इतिहास हिंदी भाषा से जुड़ा हुआ है इस बात को नकारा नही जा सकता है, हमारे देश के महानतम लेखक, कवि आदि हिंदी भाषी ही थे और इस देश की संस्कृति को हिंदी भाषा में ही लिखा करते थे। हिंदी बोलने वालो की संख्या इतनी अधिक है फिर भी लोग इसे अन्य भाषा की तुलना में कम महत्व देते हैं। अगर सभी मिल कर इस भाषा को बढ़ावा दे तो यह एक विश्व स्तरीय भाषा बन कर उभर सकती है।

उपसंहार

कई प्रसिद्ध लेखक हिदी भाषी है जो उनके जीवन में हिंदी भाषा को मात्र एक भाषा नही समझते थे, वह इसे देश का आधार तथा हिंदुस्तान की संस्कृति से जोड़ते हैं। भारत में कई भाषाए मोजूद है साथ ही कई बोलिया और उपभाषा भी है। भारत को अपनी हर भाषा और बोली पर गर्व है।

निष्कर्ष

आज के समय में हर क्षेत्र में केवल इंग्लिश भाषा को ही महत्व दिया जा रहा है जिस कारण हिंदी भाषा की उपयोगिता में कमी देखी गयी है। यह आने वाले समय में मात्र एक भाषा बन कर रह जाएगी इसीलिए आज ही इसके प्रचार प्रसार के लिए काम किया जा रहा है। लोगो को हिंदी भाषी होने पर गर्व महसूस हो ऐसी वातावरण का निर्माण किया जा रहा है। और ऐसे लोकप्रिय बनाया जा रहा हैं।

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