vigyapan kitne prakar ke hain

विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?

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By Mridul Navgotri

किसी सेवा या उत्पाद को बेचने या उत्पादन से किया जाने वाले संचार को विज्ञापन कहते हैं। विज्ञापन को दो शब्द से बनाया गया है जिसमे ‘वि’ का अर्थ ‘विशिष्ट’ और ‘ज्ञापन’ का अर्थ सूचना होता है। विज्ञापन को व्यापार को बढ़ाने वाले माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है। आज हम जानेंगे की विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?

विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?

विज्ञापन वैसे तो कईं प्रकार के होते हैं परन्तु इसके मुख्य प्रकार 8 हैं जो निम्नलिखित रूप से विभाजित है :-

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1. वर्गीकृत विज्ञापन

इस प्रकार के विज्ञापन की लागत उनके शब्दों की संख्या पर निर्भर करती है। इनमे प्रतीक चिन्हों, चित्रों,सजावटी अक्षरों, मोटे बॉर्डर इत्यादि का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन्हीं सारी वजहों के कारण इनका मूल्य काफी कम होता है। यह विज्ञापन के प्ररम्भित स्वरूप है। इस प्रकार के विज्ञापनों में खरीदना, बेचना, जरूरत है, किराये के लिए खाली, रोजगार, शैक्षणिक, वैवाहिक और खोया-पाया आदि शीर्षक आते हैं।

2. सजावटी विज्ञापन

इस प्रकार के विज्ञापन टेलीविजन में प्रकाशित किए जाते हैं। इन विज्ञापनों का निर्माण एजेंसियां करती हैं अर्थात यह महंगे होते हैं। इनमे पेशेवर मॉडलों, लोकप्रिय खिलाड़ियों आदि लोगों का आकर्षण के रूप में किसी भी ब्रांड छवि के उत्पादन के लिए किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन उपभोक्ता में अधिक असर करते हैं, उत्पाद के प्रति जिज्ञासा बढ़ाते हैं और उसे इस्तेमाल करने की ललक पैदा करते हैं। इन विज्ञापनों की खासियत यह है कि यह आकर्षक, सुंदर, अधिक प्रभावशाली, प्रतीक चिन्हों, शीर्षक, मोनोग्राम आदि से परिपूर्ण होते हैं।

3. वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन

यह विज्ञापन स्थानीय उत्पादों के होते हैं। इस प्रकार के विज्ञापनों के लिए पेज और स्थान निर्धारित होता है। इनका आकर वर्गीकृत विज्ञापनों से बड़ा होता है। इसमें विज्ञापनकर्ता का प्रतीक चिन्ह, फोटो आदि इस्तेमाल किया जाता है और बनावट में सजावट की जाती है।

4. समाचार सूचना विज्ञापन

इन विज्ञापनों का प्रकाशन समाचारों की तरह समाचार के बीच किया जाता है। इसका प्रदर्शन ऐसा होता है कि यह समाचार जैसा ही प्रतित होता है। यह विज्ञापन का अपेक्षीकृत नया रूप होता है जिसे एडवर्टोरियल (Advertorial) भी कहा जाता है।

5. उपभोक्ता विज्ञापन

इन विज्ञापनों में छूट, समान दाम में अधिक वस्तु आदि बातें बताई जाती है। इस प्रकार के विज्ञापनों का पूरा जोर उत्पाद की विशेषताओं को बताने का होता है। इनके विज्ञापनकर्ता उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादक, विक्रेता आदि लोग होते हैं। इस प्रकार के विज्ञापन में खाने पीने की वस्तुओं, कपड़े, साबुन, तेल, चाय, बिस्कुट, चाकलेट, पेय पदार्थ, स्कूटर, कार, साकिल आदि तमाम रोजाना जरूरतों की चीजें आती हैं। इस प्रकार के विज्ञापन ब्रांड इमेज के साथ उपभोक्ता की विज्ञापित वस्तुएं खरीदने को प्रोत्साहित करते हैं।

6. औद्योगिक विज्ञापन

इस प्रकार के विज्ञापन का सन्देश लुभावना और आकर्षण न होकर तथ्यों पर आधारित होता है। छोटे उत्पादक भी अपनी चीज़ों को बेचने के लिए इस प्रकार के विज्ञापनों का उपयोग करते है। यह विज्ञापन उद्यमियों को कच्चे माल, उपकरण, सहायक उद्योग आदि के बारे में जानकारी देता है।

7. वित्तीय विज्ञापन

इस प्रकार के विज्ञापन एक निश्चित पाठक वर्ग के लिए होते हैं तथा इनमे लिखित सन्देश बहुत अधिक होता है। उपभोक्ताओं को इन्हीं विज्ञापनों के जरिये कंपनियों का वार्षिक आय व्यय का ब्यौरा दिया जाता है। इन विज्ञापनों के जरिये कम्पनियाँ अपनी वित्तीय उपलब्धियों, अनुमानित लाभ और विस्तार योजनाओं के बारे में बताती है। इस प्रकार के विज्ञापनों का उपयोग मुख्य रूप से बैंक , बीमा कंपनियाँ, वित्तीय संस्थाएं आदि करतीं हैं।

8. व्यापारिक विज्ञापन

किसी भी खास ब्रांड की थोक खरीद में बड़े उपहारों की घोषणा वाले ऐसे विज्ञापन पत्र पत्रिकाओं में देखे जाते हैं। यह विज्ञापन विपणन प्रक्रिया को काफी प्रभावित करते हैं और उसे बढ़ाते भी हैं। इस प्रकार के विज्ञापनों में उत्पादों के भण्डारण, फुटकर बिक्री योजनाओं, वितरकों की नियुक्ति, बिक्री केन्द्र खोलने आदि की जानकारिया दी होती हैं।

सारांश:

विज्ञापन को कई भागों में विभाजित किया जा सकता है। लेकिन यहां हमने 8 भागों में विज्ञापन को विभाजित किया है। विज्ञापन एक ऐसा माध्यम है जो ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने और लोगो तक प्रॉडक्ट की पहुँच बढ़ाने में मदद करता है।

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