वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय

वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय

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By Nitesh Harode

आज के इस लेख में वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय और उनके जीवन से जुडी जानकारियां साझा की गयी है।

वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय

वासुदेव शरण अग्रवाल एक विद्वान तथा लेखक थे, तथा इन्होने मथुरा संग्रहालय (उत्तर प्रदेश) के संग्रहाध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएँ प्रदान की थीं। इनका जन्म 7 अगस्त, सन् 1904 को हुआ था, यह उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में स्थित खेड़ा नामक ग्राम में जन्मे थे तथा इनका पूरा जीवन लखनऊ में हुआ था, इनके विद्यालय का नाम काशी हिन्दू विश्व विद्यालय था, एवं इनके पास एम.ए., पीएच.डी., डी. लिट. की डिग्री थी जो इन्होने लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। इन्होने 1941 में पी-एच•डी• तथा 1946 में डी•एल.इ. डी. की थी, तथा यह 1946 से 1951 तक सेंट्रल एशियन एंटिक्विटीज म्यूजियम के सुपरिंटेंडेंट और भारतीय पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष भी रहे, साथ ही यह डॉक्टर अग्रवाल लखनऊ और मथुरा के पुरातत्व संग्रहालयों में निरीक्षण केंद्रीय पुरातत्व विभाग के संचालक भी थे, और यह हमेशा से ही एक प्रसिद्ध अनुसंधाता, निबंधकार, संपादक रहे। इनका मुख्य विषय पुरातत्व था तथा इन्होने वैदिक तथा पौराणिक साहित्य के मर्म का उद्घाटन भी किया था। “पाणिनिकालीन भारतवर्ष” ग्रन्थ एक ऐसी कृति है जो भारतविद्या में उच्च स्थान रखता है, यह निबन्ध-रचना, शोध और सम्पादन के क्षेत्र में उन्नत थे इनका मुख्य निबन्ध संग्रह पृथिवी-पुत्र, कला और संस्कृति, कल्पवृक्ष, माता भूमि है।

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अग्रवाल की भाषा शुद्ध और परिष्कृत खड़ीबोली रही है, यह अपनी भाषा में उर्दू, अंग्रेजी आदि की शब्दावली, मुहावरों तथा लोकोक्तियों को ज्यादा प्रयोग नहीं किया है, इनकी भाषा में व्यवहारिकता, स्पष्टता, सुबोधता , सरलता, स्रवत्रता दिखाई देती हैं। इन्हें साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है। इनका व्यवहार व्यावहारिक, सरल, सहज और आत्मीय था। उन्हें एक विद्वान तथा साहित्यिक ग्रंथों के कुशन संपत्ति के रूप में भी जाना जाता रहा है और आज भी इस क्षेत्रो में यह विशेष स्थान रखते हैं।

कृतियाँ

वासुदेव शरण अग्रवाल की रचनाये

  • ऐतिहासिक व् पौराणिक निबंध – महापुरुष श्रीकृष्ण ,महर्षि वाल्मीकि, और मनु।
  • निबंधों का संग्रह – पृथ्वी पुत्र , कल्पबृक्ष ,कल्पलता मातृ भूमि, भारत की एकता , वेद विद्या, कला और संस्कृति , वाग्बधारा, पूर्ण ज्योति इत्यादि।
  • आलोचना – पद्मावत की संजीविनी व्याख्या हर्ष चरित का संस्कृति अध्यन
  • शोध ग्रन्थ – नविन कालीन भारत।

अंग्रेजी में प्रकाशित

  • Vedic Lectures
  • India – A Nation
  • Masterpieces of Mathura Sculpture
  • Ancient Indian Folk Cults
  • Vision in Long Darkness
  • Hymn of Creation (Nasadiya Sukta)
  • The Deeds of Harsha
  • Evolution of the Hindu Temple & other Essays
  • A Museum Studies
  • Varanasi Seals and Sealing

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