singhare ki taseer thandi ya garam

सिंघाड़ा क्या होता है और इसकी तासीर गर्म होती है या ठंडी ?

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By Nitesh Harode

सिंघाड़ा एक फल है जो पानी के किनारो पर उगता है। हर फल की तरह इसकी भी बहुत सी खासियतें हैं। इसे पिस कर आटा भी बनाया जाता है, जिसे भारत में व्रत के समय भी खाया जाता है क्योकि यह अनाज की श्रेणी में नहीं आता है, यह फल की श्रेणी में आता है। हर किसी फल की एक निश्चित तासीर होती है या तो गर्म तासीर या फिर ठंडी तासीर। उसी प्रकार सिंघाड़े की भी एक निश्चित तासीर होती है, अगर आप जानना चाहते हैं कि सिंघाड़े की तासीर गर्म होती है या ठंडी तो इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े।

सिंघाड़ा क्या होता है ?

यह तिकोने आकर का पानी के किनार पर उगने वाला फल है जो किचड़ युक्त जमीन पर ही उगता है। इस फल के 2 सींग निकले हुए होते हैं और बीच का भाग खुरदुरा होता है। इसके ऊपर छिलका लगा होता है जो मुलायम एवं मोटा होता है। इस फल के छिलके का रंग काला होता है। इस फल को छील कर पिस कर आटा भी बनाया जाता है जिसे सिंगाड़े का आटा कहा जाता है।

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सिंघाड़े को कैसे खाया जाता है?

सिंघाड़े को बड़ी आसानी से खाया जा सकता है, सिंघाड़ा तिकोने आकार का होता है। इसे कच्चा या उबालकर दोनों तरह से खाया जाता है। सिंघाड़े के फलों को सुखाकर, पिसकर आटा भी बनाया जाता है। इस आटे से हलवा, पूरी ,पराठा ,पकोड़े आदि बनाए जाते हैं। सिंघाड़े में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिंस, मिनरल्स आदि पाए जाते हैं।

सिंघाड़ा खाने के फायदे

  • बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सिंघाड़े को खाया जाता है। बवासीर से निजात दिलाने में सिंघाड़े का बहुत महत्व होता है।
  • इसका लेप बना कर लगाने से सूजन या दर्द में आराम मिलता है।
  • सिंघाड़े में बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं जैसे कि कैल्शियम जो हड्डी, दाँत आदि के लिए बहुत आवश्यक होता है, प्रतिदिन सिंघाड़े का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है।
  • गर्भवती महिला के लिए सिंघाड़े बहुत लाभकारी होते है यह गर्भवती महिला के साथ साथ बच्चे को भी पोषण देते है।
  • शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में सिंघाडा बहुत ही लाभकारी होता हैं |
  • हार्ट को मजबूत रखने में भी सिंघाड़ा बहुत ही फायदेमंद होता हैं |

सिंघाड़ा खाने के नुकसान

  • सिंघाड़े से ज्यादा कुछ नुकसान नहीं होता है पर अगर इसे अधिक मात्रा में खा लिया जाए तो पाचन संबंथी समस्याए हो सकती है।
  • सिंघाड़े को खाने के बाद आप को ध्यान रखना होगा की आप तुरंत पानी न पिले इससे आपको खांसी हो सकती है।
  • अगर आपको पानी में उगने वाले फलों से परहेज है तो सिंघाड़े का सेवन बिल्कुल नहीं करें वरना आपको इससे एलर्जी हो सकती है।

सिंघाड़ा का वैज्ञानिक नाम

सिंघाड़े का वैज्ञानिक नाम Trapa bispinosa / natans है। सिंघाड़ा का इंग्लिश नाम Water chestnut, Water caltrop है। इसे संस्कृत में श्रंगाटक कहा जाता है।

सिंघाड़े की तासीर गर्म होती है या ठंडी ?

सिंघाड़े की तासीर ठंडी होता है। इसी कारण पित्त प्रकृति के लोग भी इसे खा सकते हैं, और यह मोटापे और रक्तपित्त को कम करने में भी फायदेमंद होता है।

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