सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।। meaning in hindi

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।। meaning in hindi

No Comments

Photo of author

By Pooja Sharma

यदि आप सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।। meaning in hindi की तलाश में हैं तो आपको इस लेख में इस मंत्र का अर्थ मिल जाएगा।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।। meaning in hindi

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!

शब्दों का अर्थ

ॐ सर्व मंगल मांगल्ये= सभी मंगलों में मंगल
शिवे= कल्याणकारी
सर्व अर्थ साधिके= सभी मनोरथों को सिद्ध करने वाली
शरण्ये = शरण ग्रहण करने योग्य
त्रयम्बके= 3 नेत्रों वाली
गौरी= शिव की पत्नी
नारायणी= विष्णु की पत्नी
नमः अस्तु ते = तुम्हे नमस्कार हैं

अर्थ

सभी प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगलमयी कल्याण करने वाली, हर किसी के मनोरथ को पूरा करने वाली, केवल तुम्हीं शरण ग्रहण करने के योग्य हो, तीन नेत्रों वाली, तुम्ही शिव जी की पत्नी हो, तुम्ही नारायण की पत्नी हो , भगवान के सभी स्वरूपों के साथ तुम्हीं जुडी हो, आप को नमस्कार है।

मंत्र के फायदे

हिन्दू धर्म में कई मंत्र है और इन मंत्रों का उपयोग कई जगहों पर किया जाता है जैसे पूजा पाठ में, धार्मिक कार्यो में, मनोकामनाएँ पूर्ण करने के लिए, यज्ञ आदि में। ऊपर दिया गया मंत्र मां दुर्गा को समर्पित है, तथा इसका मंत्र का जाप करने से दुर्गा माता की आठवी महाशक्ति “मां गौरी” प्रसन्न होती हैं, इस मंत्र में उसके स्वरूप और शक्तियों का वर्णन है। जो भी इस मंत्र का जाप करता है उसे कई लाभ प्राप्त होते हैं।

इस मंत्र का जाप करने से सारे कष्ट दूर हो जाते है, जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है और खुशिया आती है, इस मंत्र का जा प्रतिदिन माँ गौरी के सामने करना चाहिए, जो भी भक्त इस मंत्र का जाप सच्चे मन से करता है, और देवी की पूजा पूरी भावना से हर दिन करता है उस पर माँ दुर्गा की कृपा बनी रहती है और वह अपने भक्ति की रक्षा करती है।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

0Shares

Leave a Comment