भारत सरकार को कानूनी विषयों पर कौन परामर्श देता है?

भारत सरकार को कानूनी विषयों पर कौन परामर्श देता है?

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By Nitesh Harode

नमस्कार दोस्तों ! देश में शांति और सम्रद्धि बनाए रखने तथा उपद्रवियों में डर बनाए रखने तथा अपराध को कम करने के लिए कानूनों की जरूरत पढ़ती है। बिना कानून के देश का सही चल पाना असम्भव होता है, यदि किसी देश में कानून व्यवस्था ना होतो देश में अपराध बड़ जाते है तथा आम नागरिक और सरकारे परेशानी में आ सकती है। कानून का अर्थ होता है वे नियम जो जनता और देश के लिए बनाये जाते है जिनका उलंघन करने पर या किसी अपराध को घटित करने पर सजा दी जाती है। संविधान के आधार पर क़ानून बनाये जाते है। भारत में नया कानून भारत के संसद द्वारा बनाया जाती हैजो एक जटिल प्रक्रिया है, जनता को कानून का विरोध करने का पूर्ण हक है। आगे इस लेख में हम जानेंगे कि भारत सरकार को कानूनी विषयों पर कौन परामर्श देता है?

भारत सरकार को कानूनी विषयों पर कौन परामर्श देता है?

संविधान के अनुच्छेद 76 के आधार पर सरकार को कानूनी मामलों में परामर्श देने के लिए राष्ट्रपति अटॉर्नी जनरल अर्थात महान्यायवादी की नियुक्ति करता है। जो भारत सरकार को कानूनी विषयों पर परामर्श देने का कार्य करता है।

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