प्रकृति का जादू किसे कहा गया है?

प्रकृति का जादू किसे कहा गया है?

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By Nitesh Harode

प्रकृति का सोंदर्य हर किसी को पसंद होता है, वसंत के मौसम में प्रकृति सबसे ज्यादा सुंदर दिखाई पड़ती है। शुद्ध वातावरण में रहने से एक अलग ही आनन्द की अनुभूति होती है जो मन को प्रसन्न कर देती है। वर्षा के बाद हरे भरे पेड़ पोधे खिले हुए फूल, पक्षियों की मधुर आवाज़ बहुत ही मनमोहक होते है। आधुनिक युग की तरफ बढ़ते कदम हमे प्रकृति से दूर कर रहे है। प्रदुषण प्रकृति सोंदर्य को कम कर रहा है, बढती जनसंख्या इसका मुख्य कारण है। मानव प्रकृति से प्यार तो बहुत करता है पर उसकी सुरक्षा नही करता है और प्रकृति के बिना मानव जीवन सम्भव नही है। बदती बीमारियों का कारण भी वातावरण में बढती गंदगी और अनियमित दिनचर्या है। हमें समय निकल कर प्रकृति के सोंदर्य को देखने जरुर जाना चाहिए इससे मन में सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवाह होता है और मन खुशमिजाज भी रहता है । प्रकृति से प्रेम करे पर साथ ही उसकी रक्षा का भी ध्यान रखे वरना भविष्य में मानव जाती को बहुत सी आपदाओ से सामना करना पड़ेगा । क्या आप जानते है की प्रकृति का जादू किसे कहा गया है? यदि नही तो आइये जानते है इस प्रश्न का उत्तर। यह प्रश्न NCERT Class 6 Hindi chapter “Jo Dekhker Bhi Nahi” में भी मोजूद है।

प्रकृति का जादू किसे कहा गया है?

रंग बिरंगे फूल, हर फूल की बनावट, ऋतुओं का परिवर्तन, अलग-अलग पेड़ों की छाल, फूलों की सुंदरता, पक्षियों का चहचहाना, पेड़ की पतली और मोती टहनियाँ इन्हीं सब चीजों को प्रकृति का जादू कहा गया है। प्रकृति में होने वाले परिवर्तन एक जादू की तरह की प्रतीत होते है।

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