मन को शांति और सुकून कैसे मिले

Peace of Mind : मन को शांति और सुकून कैसे मिले?

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By Nitesh Harode

व्यक्ति कितना भी धन अर्जित कर लें या अपार शोहरत पा लें जब तक उसके जीवन में शांति नहीं होगी यह सब व्यर्थ है। मन हमेशा विचरो से घीरा रहता है और आने वाली समस्याओं के बारें में सोचता रहता है जो वर्तमान से अभी अत्यधिक दूर हैं और इन्ही सब कारणों से मन दुखी रहता है। शांति और सुकून पाने के लिए ही व्यक्ति इतनी भागा दोडी करता है और उसी से वंचित रह जाता है, पूरा दिन पैसे कमाने में गुजर जाता है और अगले दिन फिर वही एक समान दिनचर्या से परेशान व्यक्ति का मन कभी सुकून नहीं पाता है। जीवन व्यतीत करने के लिए पैसा महत्वपूर्ण है पर शान्ति भी उतना ही महत्व रखती है या कहें तो पैसो से ज्यादा महत्व सुकून और शान्ति का है। मन बड़ा ही चंचल होता है वह आसानी से इधर उधर भटक सकता है और इसी कारण व्यक्ति अपने लक्ष्यों पर ध्यान नहीं देता है तथा समय पर आवश्यक कार्य नहीं करता है जिस कारण उसे भविष्य में परेशान होना पड़ता है। यदि आप भी आशांति का सामना कर रहें हैं और सुकून पाना चाहते हैं तो हमारा यह लेख मन को शांति और सुकून कैसे मिले? को पूरा जरुर पढ़े।

मन को शांति और सुकून कैसे मिले?

सुकून और शांति पाना बड़ा ही आसान है, पर व्यक्ति न अपनी इच्छाओं को कम कर पाता है और नहीं आपके कार्य को समय पर पूर्ण करता है तथा अपने कर्तव्यों को भी नही निभाते हैं। जिस कारण भी मन को शांन्ति नहीं मिलती है और मन बेचेन रहता है। अशांत मन के कारण और ज्यादा सोचने की वजह से कभी समस्या का हल नहीं होता है उल्टा बीमारियाँ जन्म ले लेती है। इस संसार में ऐसा कोई नहीं है जिसे समस्याएँ न हो, हर कोई किसी न किसी प्रकार की समस्या से जूझ रहा है उसी प्रकार आप भी कुछ समस्याओं का सामना कर रहें होंगे। मन को शांत करने के उपायों को जानने से पहले हमें यह जानना होगा की अशांत मन का कारण क्या है और किन वजहों से मन शांत नहीं रहता है?

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इच्छाओं को वश में रखें

मन के शांत न रहने का मुख्य कारण है अधिक इच्छाएँ और इनके वश में रहना। जिस व्यक्ति का अपनी इच्छाओं पर नियन्त्रण होता है उसका मन ज्यादा शांत रहता है क्योकि व्यक्ति यदि ज्यादा इच्छाएँ रखता है और यदि वह उरन नहीं होती है तो इसके मन को आघात पहुचता है जो अशांति का कारण बनता है। मन को नियंत्रण में रखने के लिए योग ध्यान और सकारात्मकता को बढाने वाली पुस्तको की मदद लेना चाहिए।

इन्सान किसी भी व्यक्ति पर अत्यधिक भरोस करने लगता है ततः उससे उम्मीद के पूल बांध लेता है, जिस कारण भी भी उसे भरोसा टूटने पर बुरा लगता है और मन में अशांति जाग उठती है। कभी भी किसी पर इतना भरोसा नहीं करना चाहिए कि वह भविष्य में आपके अशांत मन का कारण बने और आपको दुखी होना पड़ें। परन्तु इन वाक्यों का यह अर्थ नहीं है कि आप अपने मन से प्रेम भावना का अंत कर दें और हर किसी को केवल इस दृष्टि से देखे की वह आपको जरुर धौका देगा। आप अपने कर्तव्यो को जरुर निभाएं बस यदि भविष्य में व्यक्ति किन्ही कारणों से आपके मन को आघात पहुचाता है तो इससे खुद के मन को प्रभावित न करें।

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आलस बिलकुल न करें

कार्य को समय पर करने से आलस को त्याग ने से भविष्य में आप तनाव से बच सकते हैं, जैसा कि श्री कृष्ण कहते हैं कि कर्म करो फल की चिंता मत करो। आपको अपने कर्तव्यो को पहचानना होगा यदि आप विद्यार्थी है तो आपका कर्तव्य है शिक्षा ग्रहण करना और उसे सबसे अधिक महत्व देना, यदि आप व्यापारी है तो आपका कर्तव्य है कि आप परिवार के साथ साथ अपने व्यापार को भी महत्व है। समय के अनुसार कर्तव्यो और कर्मो की पहचान करें और उसी के आधार पर निर्णय ले चंचल मन के बहकावें में न आये वरना आज के थोड़े से सुकून के लिए आप भविष्य के सारे सुकून और शांति का अंत कर लेंगे।

नशा न करें

अपने मन को आध्यात्म के तरीके से शांति दिलाने की कोशिश करें कभी भी नशे को शान्ति पाने का स्त्रोत न समझे। नशा केवल कुछ ही क्षण के लिए आपको शांति प्रदान कर सकता है पर आध्यात्म आपको जीवन भर के लिए शांति दे सकता है। एक व्यक्ति जो आध्यात्म को जान चुका है उसके लिए यह सब चीजे मायने नहीं रखती है कि उसने मेरे साथ गलत किया है? उसमे मुझे मेरे बुरे वक्त में अकेला छोड़ दिया है? कोई मेरी परवाह नहीं करता है आदि? यह सब ओवरथिंकिंग के कारण होता है और यदि आप भी इस तरह की ओवरथिंकिंग के शिकार है तो आपका मन कभी शांत नहीं रह सकेगा, इसीलिए केवल महत्वपूर्ण बातों पर ही फोकस करना चाहिए जिनका असर आपके जीवन पर पड़ता हो या जो आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है क्योकि यही आपको शांति देला सकती है।

मन्दिर जाएं

मंदिर और धार्मिक स्थलों पर जाना प्रारम्भ करें क्योकि यहाँ जाने से मन को अत्यधिक शांति मिलती है, मंदिरों में सकारात्मक ऊर्जा की अधिकता होती है। भगवान की भक्ति करने से पूजा पाठ करने से, मन्त्रो का जाप करने से भी मन को शान्ति मिलती है। इसके साथ समय समय पर शांति से भरे स्थानों जैसे नदी के किनारे, यात्रा पर जाना भी जरुरी होता है, ऐसा करने से आपको काम से ब्रेक भी मिलता है और आप शांति और सुकून का अनुभव भी करते हैं।

शान्ति कैसे पाए? मन शांत क्यों नहीं रहता,
Peace of Mind in hindi

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