मौर्य काल में किस लिपि का प्रयोग सर्वाधिक हुआ है?

मौर्य काल में किस लिपि का प्रयोग सर्वाधिक हुआ है?

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By Nitesh Harode

मौर्य काल में सम्राट अशोक ने कई स्तुपो तथा धार्मिक स्थलों का निर्माण किया था। यह सारनाथ, इलाहाबाद, मेरठ, कौशाम्बी, संकिसा और वाराणसी में आज भी देखे जा सकते हैं। मौर्यकाल चौथी से दूसरी सदी ईसा पूर्व का युग माना जाता है। अशोक के अभीलेख तीन भागो में बटे हुए है जिसमे पहला शिलालेख, दुसरा स्तम्भलेख, तथा तीसरा गुहालेख है। अशोक के कुल 14 शिलालेख खोजे जा चुके हैं तथा सात स्तम्भ लेख ज्ञात है। अशोक द्वारा निर्मित स्तम्भ में सबसे छोटा स्तम्भ लेख रुममिदेही है एवं 7 वां अभिलेख सबसे लम्बा अभिलेख है। आगे आप जानेंगे कि मौर्य काल में किस लिपि का प्रयोग सर्वाधिक हुआ है?

मौर्य काल में किस लिपि का प्रयोग सर्वाधिक हुआ है?

मौर्य काल में ब्राह्मी लिपि का प्रयोग सर्वाधिक हुआ है साथ ही अशोक के अभिलेखों में ख्रोष्ठी, ग्रीक एवं आरमाइन लिपि का भी कही कही प्रयोग देखा गया है। ख्रोष्ठी लिपि वर्तमान के उत्तर पाकिस्तान से प्राप्त लिपि है, अशोक के स्तम्भ लेख बरही लिपि में पाए जाते हैं तथा अशोक को भाबु स्तम्भ में मगध का सम्राट बताया गया है।

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