मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?

मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?

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By Nitesh Harode

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उस देश के विकास और उन्नति का आधार है। विकसित देश बनाने के लिए यहाँ के लोगो का शिक्षित होना बहुत आवश्यक है बिना शिक्षा के यह सम्भव नही है क्योकि जो इंसान शिक्षित होता है उसके पास अनुभव और ज्ञान होता है जिसके माध्यम से वह अपने कार्य को बड़ी निपुणता से कर पाते है। आज के इस आर्टिकल में जानेंगे की मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?

मानव पूंजी का अर्थ

पूंजी उस आधार को कहा जाता जिसे माध्यम से आय अर्जित होती है और देश के नागरिको के द्वारा ही देश की आय निर्मित होती है इसलिए उन्हें मानव पूंजी कहा जाता है। एक शिक्षित व्यक्ति अच्छा वर्तन भी प्राप्त कर पाता है जिसका प्रभाव भी देश की पूंजी पर होता है। मानव अपने काम के द्वारा पूंजी अर्जित करते है जिससे देश विकास की राह पर बना रहता है। यदि देश के नागरिक बेरोजकार, अशिक्षित, असक्ष्म, अस्वस्थ होंगे तो उस देश का विकसित होना मुश्कित होता है। जैसा की हर किसी को पता की बचपन से शिक्षा को बड़ा महत्व दिया जाता है क्योकि शिक्षित व्यक्ति ही आगे चल कर सही निर्णय लेने, कार्यो को करने और दुनिया के साथ चलने में समर्थ रहता है। मानव संसाधन ही देश को विकासशील से विकसित देश बनाते है।

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हमारे माता पिता हमे बचपन से ही स्कूल भेजते है ताकि बड़े हो कर हमे आर्थिक समस्याओं और अशिक्षा के कारण मुश्किलें ना झेलनी पड़े। एक शिक्षित इंसान के पास ज्ञान नामक शक्ति होती है जिसके कारण वो अपनी आवश्यक वस्तुओ की पूर्ति कर पाता है।

मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?

मानव पूंजी (मानव संसाधन) निर्माण में शिक्षा के महत्व के बारे में बात की जाए तो शिक्षा बहुत ही मुख्य भूमिका निभाती है। एक शिक्षित व्यक्ति एक अशिक्षित व्यक्ति की तुलना बहुत ज्यादा समझदार होता है क्योकि उसके पास बहुत सी बातो का ज्ञान होता है जिस कारण उसमे एक आत्मविश्वास भी होता है और वो आय के स्त्रोतों से अवगत होता है।

शिक्षा इंसान को एक ताकत प्रदान करती है जिसके माध्यम से वो अनेक कार्यो को कर पाता है जैसे पढ़ना लिखना आसानी से आधुनिक यंत्रो को सिख पाना आदि। यदि किसी देश में शिक्षा का अभाव होता है वहा विकास सम्भव नही हो पाता है एक अशिक्षित जन समाज बहुत से कार्यो को करने में असक्षम होता है जिससे की उस देश के विकास की गति पर प्रभाव पड़ता है। शिक्षित वर्ग का वेतन भी सामान्य लोगो की तुलना में अधिक होता है इसीलिए शिक्षा को मानव पूंजी का मुख्य आधार कहा गया है।

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