Mahaaraana Prataap Ka Jeevan Prichay

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय एवं इतिहास

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By Nitesh Harode

महाराणा प्रताप मेवाड़ के शूरवीर राजा थे। इनकी वीरता के किस्से आज भी बहुत प्रसिद्ध है। इन्होने कभी भी किसी के आगे अपना सर नहीं झुकाया था। यह हमेशा देश और धर्म के लिए लड़ते थे। महाराणा प्रताप राजपूत थे उनकी सेना कभी मुगलो के सामने नहीं झुकती थी। महाराणा प्रताप के समय मुगल शासक अकबर पुरे हिंदुस्तान पर राज करने का सपना ले कर आया था लगभग आधे हिंदुस्तान पर तो अकबर कब्ज़ा कर चूका था पर महाराणा प्रताप ने कसम खा ली थी कि “मैं घास की रोटी और जमीन पर लेट जाऊंगा, परंतु किसी की अधीनता कभी स्वीकार नहीं करूंगा” और इस कसम पर वह हमेशा अटल रहे । तो आइये जानते है महाराणा प्रताप का जीवन परिचय एवं इतिहास के बारे में |

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय एवं इतिहास

महाराणा प्रताप का जन्म वैशाख 19, 1462 ( मई 9, 1540 ) को मेवाड़, राजस्थान में हुआ था। इनकी कुल 11 पत्निया थी। इनके पिता का नाम उदयसिंह एवं माता रानी जयवन्ताबाई था। महाराणा प्रताप राजपूत थे इनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया है। इनकी कहानी शौर्य पराक्रम से भरी हुई है। इनके प्रमुख शत्रु मुगल थे जो पुरे हिन्दुस्तान पर राज करने का सपना ले कर आये थे पर महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धाओ की वजह से वह पूरा ना हो सका। महाराणा प्रताप बचपन में भीलो के साथ रह कर युद्ध कला सीखा करते थे। महाराणा प्रताप का बचपन का नाम कीका था। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था जिसकी मृत्यु हल्दीघाटी के युद्ध में हो गए थी . ये घोडा महाराणा प्रताप को बहुत प्रिय था। हल्दी घाटी के युद्ध के समय जब चेतक के सामने एक नदी आ जाती है तब वह उसे फलांग मार कर पार तो कर लेता है परन्तु इस घटना में वह घायल हो जाता है जिस कारण उसकी मृत्यु हो जाती है। हल्दी घटी का नाम इसलिए हल्दीघाटी है क्योकि यहां की मिट्टी हल्दी के समान पीली दिखती है। अकबर चाहता था की और राजाओ की तरह महाराणा अकबर भी उनके अधीन आ जाए पर महाराणा ने ठान लिया था की चाहे वो मृत्यु को प्राप्त हो जाए पर इस मुगल राजा के आगे झुकेंगे नहीं। महाराणा प्रताप की तलवार की लम्बाई 7 फिट थी और वजन 110 किलोग्राम था और वे 72 किलो के छाती कवच, 81 किलो के भाले, 208 किलो की दो वजनदार तलवारों को लेकर चलते थे।

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अकबर कौन था ?

अकबर का पूरा नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर था यह एक कायर मुगल राजा था जो कभी युद्ध में महाराणा प्रताप के सामने नहीं आया था। ऐसा कहा जाता है की इसे महाराणा प्रताप से काफी डर लगता था। अकबर का जन्म राजपूत शासक राणा अमरसाल के महल उमेरकोट, सिंध जो अब वर्तमान में पाकिस्तान में है वहाँ २३ नवंबर, १५४२ को हुआ था। मुगल अपने राज्यों में गैर मुसलमानो पर जजिया कर लगाया करते थे ताकि गैर मुस्लिम इससे परेशान हो कर इस्लाम धर्म अपना ले। अकबर ने इस कर को हटा दिया था पर कुछ ही समय बाद मुस्लिम नेताओ के दबाव में फिर से प्रारम्भ कर दिया था |

हल्दी घटी का युद्ध

सन 1576 में 18 जून को हल्दी घाटी का युद्ध लड़ा गया था जो महाराणा प्रताप और मुगलो के बिच हुआ था। इस युद्ध में अकबर की सेना में 80000 सैनिक और महाराणा प्रताप की सेना में केवल 10000 ही थे जिसमे भील जाती के लोगो ने महाराणा का पूरा समर्थन किया था और उनके साथ युद्ध में लड़ रहे थे। अकबर की तरफ से आमेर के राजा मान सिंह ने मुगलो का नर्तृत्व किया था|मेवाड़ के वीर सैनिक बिदा झल्ला ने अपने सेनापति से शाही छत्र ले कर और खुद को राणा होने का दावा करते हुए मैदान मे टूट पड़े । उनके बलिदान के कारण घायल प्रताप और करीब 1,800 राजपूत युद्ध भूमि से निकलने मे सफल रहे।

महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई ?

महाराणा प्रताप एक बार शेर का शिकार करने के लिए कमान को जोर से खींच रहे थे वह टूट गया और सीधा उनके पेट पर जा लगा। यह चोट इतनी तेज थी कि महाराणा प्रताप का खून बहने लगा और वे घायल हो गए और अंततः यही आगे चलकर उनकी मौत का कारण बना गया। ऐसा भी कहा जाता है की जब अकबर को पता चला था की महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गए है तो वह रो पड़ा था क्युकी वह शुरू से ही महाराणा प्रताप को एक महान योद्धा मानता था। ऐसा योद्धा जो कभी लड़ाई से नहीं डरता था अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता था।

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