महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार

40+ महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार

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By Nitesh Harode

महापुरुषों के कार्यों और उनके सुविचार से व्यक्ति को प्रेरणा मिलती है जो जीवन को सरल, समर्द्ध, और सफल बना सकती है। अगर आप भी महापुरुषों के सुविचारो की तलाश में है तो आप एक दम सही जगह पर आ पहुचे है। हम आपके लिए लाये है कुछ ऐसे सुविचार जो आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकते है जिन्हें पढ़ कर आप समझ सकेंगे की जीवन में क्या जरुरी है और कैसे किया जाना चाहिए। किन तरीको को अपना कर ये पुरुष सामान्य से महान बन गये। जीवन में केवल सुविचारो को पढ़ कर ही सफलता मिलना असम्भव है आपको उन्हें लागु भी करना होता है और परिस्तिथि के अनुसार निर्णय भी लेने होते है। कड़ी मेहनत और लग्न से ही सफलता मिलती है वरना लक्ष्य को प्राप्त कर पाना असम्भव है। आगे आप को पढने के लिए मिलेंगे महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार।

महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार

  • फूल की पंखुड़ियाँ तोड़कर, तुम फूल की सुंदरता नहीं बटोरते।” – रवीन्द्रनाथ टैगो
  • सत्याग्रह बल से नहीं ,हिंशा के त्याग से होता है | -महात्मा गाँधी 
  • विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है|- रवींद्रनाथ ठाकुर
  • हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्या को हमें हराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए – ए पी जे अब्दुल कलाम
  • सभी के साथ सौम्य रहें और खुद के साथ सख्ती करें। – अविला के संत टेरेसा
  • याद रखना, अंधेरी रात में आपको दिया जलाने से कोई नहीं रोक सकता।” – हरिवंश राय बच्चन
  • डूबते को बचाना ही अच्छे इंसान का कर्तव्य होता है। -डॉ.मनोज चतुर्वेदी
  • क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारों की शान से तेज होती है। – भगत सिंह
  • तथ्य तथ्य हैं और आपकी पसंद के कारण गायब नहीं होंगे। – जवाहर लाल नेहरू
  • प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं। – भगत सिंह
  • सफलता एक घटिया शिक्षक है। यह लोगों में यह सोच विकसित कर देता है किवो असफल नहीं हो सकते। – बिल गेट्स्
  • जो सभी का मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता।- ओशो  
  • दो प्रकार के लोग हैं जो आपको बताएंगे कि आप इस दुनिया में कुछ नहीं बदल सकते, पहले जो कोशिश करने से डरते हैं और दूसरे जो डरते हैं कि आप सफल हो जाएँगे। – राय गोफर्थ
महापुरुषों के श्रेष्ठ सुविचार
महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार

धर्म ही हमारे राष्ट्र की जीवन शक्ति है। यह शक्ति जब तक सुरक्षित है, तब तक विश्व की कोई भी शक्ति हमारे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकती। –  स्वामी विवेकानंद

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  • बुरी खबर है की समय उड़ रहा है, लेकिन अच्छी खबर भी है की तुम इसके पायलट हो!माइकेल अल्थ्सुलर
  • कर्म, ज्ञान और भक्ति का संगम ही जीवन का तीर्थ राज है | -दीनानाथ दिनेश
  • व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते। – भगत सिंह
  • जीवन में कभी निराशनही होना चाहिएक्योंकि कमजोर आपका वक़्त होता आप नही..! – श्री कृष्ण
  • सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है? उस उम्मीद को खो देना जिसके भरोसे हम सब कुछ वापस पा सकते हैं।-  स्वामी विवेकानंद
  • जैसे सूर्य आकाश में छुप कर नहीं विचर सकता उसी प्रकार महापुरुष भी संसार में गुप्त नहीं रह सकते।-व्यास
  • जिस प्रेम के रिश्ते में स्वार्थ, अहंकार या मतलब होता है वह रिश्ता प्रेम का रिश्ता कभी नहीं कहला सकता। – श्री कृष्ण
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आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों। – महात्मा गांधी

  • महान आवश्यकता के समय, हिंसा अनिवार्य हैं। – भगत सिंह
  • हमे एक दूसरे के साथ चेहरे पर मुस्कान के साथ मिलना चाहिए क्योंकि यही से प्यार की शुरुआत होती है। -मदर टेरेसा
  • बहुत सी बातें सोचो। अपनी खुशी को कभी भी किसी एक व्यक्ति के वश में न करें। सिर्फ अपने लिए रहो। ” — विक्रम सेठ
  • जितना अधिक आप उनमें अच्छाई देखेंगे, उतना ही आप अपने आप में अच्छा स्थापित करेंगे।” — परमहंस योगानंद
  • हर काम को तीन अवस्थाओं से गुज़रना होता है – उपहास, विरोध और स्वीकृति। –  स्वामी विवेकानंद
  • स्वतंत्रता हर इंसान का कभी न ख़त्म होने वाला जन्म सिद्ध अधिकार है। – भगत सिंह
  • यदि आप धनवान हैं, तो विनम्र बनें। फल लगने पर पौधे झुक जाते हैं।” – साईं बाबा
  • गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।  -ब्रूस ली
  • निषेध से आकर्षण बढ़ता है। जिस चीज का इंकार किया जाए,उसमे एक तरह का रस पैदाहोना शुरू हो जाता है। -ओशो
  • मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता |- चाणक्य
  • संसार के प्रवाह को स्वीकार करने से इंकार करना ही सभी दुखों की जड़ है।” — देवदत्त पटनायक
  • आप दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।” – अटल बिहारी वाजपेयी
  • प्राण देकर भी मित्र के प्राण की रक्षा करनी चाहिए। – बाणभट्ट 
  • सभी गलत कार्य मन से उपजते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या गलत कार्य ठहर सकता है। – महात्मा बुद्ध
  • पिता की सेवा अथवा उनकी आज्ञा का पालन करने से बढ़कर और कोई धर्माचरण नहीं है.-वाल्मीकि
  • पत्र लिखना भी एक कला है – महात्मा गांधी
  • उत्कंठित व्यक्तियों की उत्कंठा समय की अपेक्षा करके नहीं होती – कर्णपूर
  • मैंने यही सीखा है कि चाहे जो कुछ भी हो, या आज वक्त चाहे कितना भी बुरा लगता है, लेकिन जीवन हमेसा आगे बढ़ता है, और यह कल बेहतर होगा। – माया एंजेलो

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