कोई ब्लैकमेल करे तो क्या करना चाहिए

जानिए कोई ब्लैकमेल करे तो क्या करना चाहिए?

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By Nitesh Harode

जानिए कोई ब्लैकमेल करे तो क्या करना चाहिए?

ब्लैकमेल करने का अर्थ है कि किसी भी प्रकार की जानकारी, वस्तु, फोटो, विडियो, या गलत जानकारी को प्रकट करने की धमकी देना या धमकी के साथ किसी भी तरह की मांग करना जैसे धन, सम्पति, शारीरिक सम्बन्ध बनाने की मांग करना आदि। ब्लैकमेल करना वह गतिविधि है जिसमे व्यक्ति को यह धमकी दी जाती है कि वह उसकी बात को नहीं मानेगा तो जानकारी या वस्तु को सामजिक रूप से परिवार, दोस्तों के सामने प्रकट किया जा सकता है जिसे वह व्यक्ति गुप्त रखना चाहता है या उसे किसी के साथ भी साझा करना ठीक नहीं है, ऐसा करने से व्यक्ति भावनात्मक रूप से परेशान और दुखी हो सकता है।

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ब्लैकमेल करना एक तरह की जबरन वसूली है, वैसे तो वसूली और ब्लैकमैलिंग अलग-अलग है क्योकि वसूली का अर्थ है कि व्यापार या परिवार को क्षति न पहुचाने के लिए जाने वाली आर्थिक मांग तथा ब्लैकमेलिंग में आपकी निजी जानकारी या फोटो, विडियो को अन्य के सामने प्रकट न करने के लिए की जाने वाली आर्थिक मांग या अन्य किसी भी तरह के लाभ या कृत्य की मांग।

ब्लैकमेल करना एक तरह का क़ानूनी अपराध है और ऐसा करने पर यदि आप दोषी पाए जाते हैं तो आपको सजा हो सकती है। यह अपराध काफी पुराना है पर समय के साथ इसके तरीको में बदलाव होते रहते हैं, जैसे वर्तमान में एक अपराध काफी बड़ गया है जिसमे प्राइवेट विडियो या फोटो को अन्य लोगों के साथ शेयर करने की धमकी दी जाती है और पैसो की मांग की जाती है।

किसी भी तरह से व्यक्ति के प्राईवेट फोटो या विडियो प्राप्त कर या छूप कर स्वयं द्वारा फोटो या विडियो शूट कर उसे सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर वायरल यानिकी प्रकाशित करने की धमकी देने के केस आज के समय में काफी देखे जा रहे हैं। ऐसे मामलो में कई बार पीड़ित अपमान से बचने के लिए खुदकुशी भी कर लेते हैं।

कोई ब्लैकमेल करे तो क्या करना चाहिए?

पुलिस और परिवार को सुचना दें

कई बार पीड़ित ब्लैकमेलर के द्वारा धमकी देने पर पुलिस में शिकायत करने से बचते हैं क्योकि उन्हें डर होता है कि पुलिस में शिकायत करने पर उन्हें समाज में अपमानित होना पड़ सकता है, पर वर्तमान में पुलिस भी गोपनीयता का ध्यान रखती है तथा पुलिस को आसानी से किसी को बताएं बिना भी सूचित किया जा सकता है।

परिवार वालो को बताना भी बेहद जरुरी है क्योकि वही है जो आपकी हर परिस्थिति में मदद कर सकते हैं तथा आपकी समस्या को अच्छे से समझ कर इससे बाहर आने में आपकी सहायता कर सकते हैं। यदि आप किसी को कुछ नहीं बताएँगे तो आप और उलझ सकते हैं तथा अकेले होने के कारण आपको आत्महत्या के ख्याल आ सकते हैं।

ब्लैकमेलर की धमकियों को न माने

ब्लैकमेलर आपसे किसी भी तरह की मांग करे आपको उसकी बातो को एक दम नहीं मानना है क्योकि ऐसा करने से वह आपको लम्बे समय तक परेशान कर सकता है तथा आपको आर्थिक और मानसिक नुकसान पंहुचा सकता है। इसके लिए जितना हो सके उसकी बातो को टाले तथा पुलिस को सूचित करें।

कई धाराओं के तहत आप केस दर्ज कर सकते हैं

  • पीड़ित भारतीय दंड संहिता की धारा 503 के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • ब्लैकमेल करना क़ानूनी अपराध है, अगर कोई जबरदस्ती या पैसो की मांग करता है तो पीड़ित आईपीसी के सेक्शन 384 के तहत केस दर्ज कर सकता है।
  • पीड़ित धारा 108(1)(i)(a) के तहत यह अधिकार रखता है कि वह मजिस्ट्रेट से संपर्क कर जिस व्यक्ति पर शक है उसकी जानकारी दे सकता है।
  • जब अपराधी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा पीड़ित की अश्लील तस्वीरों को साझा करने की धमकी देता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 292 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
  • इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 और 2000 का सेक्शन 67 ए के तहत यदि कोई अपराधी विडियो प्रकाशित करने की धमकी देता है और ब्लैकमेल करता है तो केस दर्ज किया जा सकता है।

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