किसी की याद में दर्द भरी शायरी

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

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By Nitesh Harode

यदि आप किसी की याद में दर्द भरी शायरी खोज रहें है तो आपको यह ऐसी बहुत सी शायरी मिल जाएगी जिन्हें आप सोशल मीडिया आदि पर शेयर कर सकते हैं और अपने प्यार को यह दर्शा सकते हैं कि आप उनके बिना कितना अधुरा महसूस कर रहें हैं। किसी भी व्यक्ति के जाने के बाद ही समझ आता है कि वह कितना जरुरी है क्यिकी फिर उसकी यादें हमें परेशान करने लगती है और हमें बेचें कर देती हैं।

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

आज भी छुपा है दर्द सीने में,
तो फिर क्या मजा है जिंदगी जीने में।

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ना मेरा दिल बुरा था,
ना उसमे कोई बुराई थी।
बस नसीब का खेल है,
क्योंकि किस्मत में जुदाई थी।

तुझे याद करते हुए चाहे सुबह हो चाहे शाम,
हमारी आँखों में आंसू आना हो गया है आम !

कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे।
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।

टुट जायेगी एक दिन तुम्हारी जिद करने की ये आदत,
जब पता चलेगा हमने तुम्हारी यादों को बना ली जीने की चाहत।

दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा

ज़िंदगी है बड़ी नादान इसलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ।
कहो तो कह दूं ज़माने से दास्तान अपनी,
उसमे आएगा तुम्हारा नाम इसलिए चुप हूँ।

कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर,
मुझे आदत है गम में मुस्कुराने की।
रूक जाओ आज की रात न दफनाओ,
मेरी मौत से बनी है मुहूर्त उसके आने की।

बहुत उदास है कोई तेरे जाने से,
हो सके तो लौट आ किसी भने से।
तू लाख खफा सही , मगर एक बार तो देख,
कोई टूट गया है तेरे रूठ जाने से।

अगर वो खुश है देखकर आंसू मेरी आंखों में,
तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे।
तड़पते रहेंगे उसे देखने के लिए,
लेकिन उसकी तरफ नज़रें उठाना छोड़ देंगे।

दर्द भरी शायरी
दर्द भरी शायरी

ना इतना हम कभी रोये,
ना किसी ने हमें इतना रुलाया,
जितना तेरी यादों ने हमें तड़पाया !

हम हंसते तो हैं लेकिन सिर्फ,
दूसरों को हंसाने के लिए।
वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि,
ठीक से रोया भी नही जाता।

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी,
हुई हर एक निशानी।
अब चाहे वो दिल का दर्द हो या,
आँखों का पानी।

तुम मेरी लाश पर रोने मत आना,
मुझसे बहुत प्यार था ये जताने मत आना।
दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूं,
जब सो जाऊं फिर जगाने मत आना।

पता है तकलीफ क्या है,
किसी को चाहना।
फिर उसे खो देना,
और खामूश हो जाना।

उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो,
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो।
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है,
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।

दोस्त दोस्त नहीं खुदा होता है,
महसूस होता है जब वो जुदा होता है।
बिना दोस्त के जीना सजा होता है,
और दोस्त तुम जैसा हो तो जीवन में मज़ा होता है।

मुद्दतो तक उसकी तलाश रख्खी,
उसके दीदार की दिल में आस रख्खी।
उम्मीद का दिया बुझने ना दिया,
खुदा ने क्यों मेरी जिंदगी उदास रख्खी।

अगर जिंदा रहें तो याद तुम्हें ही करते रहेंगे,
यदि तुम्हें भूल गए तो जिंदा कैसे हम रहेंगे।

दिया दिए से जला लूं तो सुकून आये मुझे
तुम्हें गले से लगा लूं तो चैन आये मुझे,
मोहब्बतों के सहीफ़े हैं या अज़ाब कोई,
तेरे खतों को जला लूं तो चैन आये मुझे।

ना रहा करो उदास किसी वेबफा की याद में !!
वो खुश है अपनी दुनिया में तुम्हारी दुनिया उजाड़ के !

ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था,
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था।
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी,
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था।

अगर मैं लिखूं तो पूरी किताब लिख दूँ,
तेरे दिए हर दर्द का हिसाब लिख दूँ।
डरता हूँ कहीं तू बदनाम ना हो जाए,
वरना तेरे हर दर्द की कहानी में मेरा हर ख्वाब लिख दूँ।

लोग तन्हा छोड़कर चले जाते है,
यूं यादों के सहारे छोड़ जाते है।

हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम।
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला,
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।

आँखो के सामने जैसे कोई ख्वाब चलता है,
तेरी यादों का सिलसिला बेहिसाब चलता है !

दिल लगाकर खुद से ही गद्दारी कर ली,
हमने उसकी याद में यूं जीवन जीने की तैयारी कर ली।

रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है

उड़ता हुआ गुबार सर-ए-राह देख कर,
अंजाम हमने इश्क़ का सोचा तो रो दिए।
बादल फिजा में आप की तस्वीर बन गए,
साया कोई ख्याल से गुजरा तो रो दिए।

हाल तो पूछती नहीं दुनिया जिंदा लोगों का,
चले आते हैं लोग जनाजे पर बारात की तरह !!

ऐसे गये दिल की ज़मी बंजर कर के,
आज तक कोई फूल ना खिल सका।
बस्ती बस्ती लोग मिले हमराह मगर,
फिर कभी तेरा पता ना मिल सका।

मेरे अस्कों से भीगी हैं,
जाने कितनी तस्वीर तुम्हारी।
तुम झलक दिखाकर चली गयी,
और बदल गयी तकदीर हमारी।

मेरी हर साँस में बसी तेरी यादें है,
अब तू ही बता इन्हें रोकूं तो कैसे !

कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते।
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।

टूट जायेगी तुम्हारी,
जिद की आदत भी उस दिन।
जब पता चलेगा की,
याद करने वाला अब याद बन गया।

आज उस ने एक दर्द दिया तो मुझे याद आया
हमने ही दुआओं में उसके सारे दर्द माँगे थे

तेरे साथ बिताये पलों की यादें मुझे जीने नहीं देती
और तुझे फिर से पाने की चाहत मुझे मरने नहीं देती !

ना आंसूओं से छलकते हैं,
ना काग़ज़ पर उतरते हैं।
दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस,
भीतर ही भीतर पलते हैं।

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

दर्द को मुस्कराकर सहना क्या सीख लिया
सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होतीडी

कभी सोचा नही था कि एक दिन हम तन्हा हो जाएंगे,
तुम्हारी यादों के सहारे जिंदगी गुजारेंगे।

वो साथ थे क्योंकि हमारे थे नसीब,
आंसु उनकी याद में कितने थे करीब।

जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी।
सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,
मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।

जब भी उसकी याद आती है,
सारी रात नींद नही आती है

वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल
बहुत उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी।

कोई किसी का खास नहीं होता लोग तभी याद
करते हैं जब उसका टाइम पास नहीं होता

हम रूठे तो किसके भरोसे,
कौन आएगा हमें मनाने के लिए।
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको,
पर दिल कहाँ से लाये..आप से रूठ जाने के लिए।

तेरे बाद हमारा हमदर्द कौन बनेगा !!
हमने तो सब छोड़ दिया तुझे पाने की जिद में !

उन लोगों का क्या हुआ होगा,
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा।
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने,
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा।

जो शख्स मेरी हर कहानी हर किस्से में आया,
वो मेरा हिस्सा होकर भी मेरे हिस्से में नहीं आया।

कहाँ वो नई गहिरायाँ हसने -हँसाने में,
मिलेंगी जो किसी के साथ दो आंसू बहने में।
तुम आये तो खुशी आई लेकिन हंसु अभी केसे,
कुछ देर तो लगती है रो कर मुस्कराने में।

तुम पर भी यकीन है और,
मौत पर भी एतबार है।
देखते हैं पहले कौन मिलता है,
हमें दोनों का इंतजार है।

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

तुम्हें चाहने की आश अब हमने छोड़ दी,
यादों के सहारे जिंदगी गुजारने की सोच ली।

वफा करने से मुकर गया है दिल,
अब प्यार करने से डर गया है दिल।
अब किसी शहारे की बात मत करना,
झूठे दिलासों से भर गया है दिल।

वक़्त से पहले हादसों से लड़ा हूँ
मैं अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ

अपना बनाकर फिर कुछ दिन में,
बेगाना बना दिया।
भर गया दिल हमसे तो मजबूरी,
का बहाना बना दिया।

सिर्फ मोहब्बत को पाना ही मोहब्बत नहीं होती,
कभी तुम भी कर लेते ऐतबार तो ये दुरी न होती।
माफ़ कर देना गलतियों को मेरे,
तुम्हे चोट पोहचे ऐसी कभी मेरी तमन्ना नहीं होती।

अगर बिकने पर आ जाओ तो
घट जाते हैं दाम अक्सर
ना बिकने का इरादा हो तो
कीमत और बढती है

जिसके दिल पर भी क्या खूब गूजरी होगी,
जिसने इस दर्द का नाम मुहब्बत रखा होगा

जो तुम बोलों बिखर जाऊ जो तुम चाहो संवर जाऊ,
मगर यूँ टूटना जुड़ना बहुत तकलीफ देता है।

अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताबों को,
जो था वो मैं रहा नहीं, जो हूं वो किसी को पता नहीं!

जो पल पल चलती रहे, उसे जिंदगी कहते है,
जो हरपल जलती रहे, उसे रोशनी कहते है।
जो पलपल खिलती रहे, उसे मोहब्बत कहते है,
जो साथ न छोड़े कभी, उसे दोस्ती कहते है।

ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की,
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की।
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था,
हमारी आदत छूट गयी मनाने की।

तुम्हारी अदा का क्या जवाब दूँ,
अपने दोस्त को क्या उपहार दूँ।
कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मंगवाता,
जो खुद गुलाब है, उसको क्या गुलाब दूँ।

टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी।
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी।

तकदीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई,
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई,
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने,
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई !!

वो कह कर गया था मैं लौटकर आउंगा,
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता।
वो झूठ भी बोल रहा था बड़े सलीके से,
मैं एतबार ना करता तो क्या क्या करता।

तेरे दूर होने का एहसास मुझे रुलाता है,
तेरे पास होने से दिल को सुकून आता है !

अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे हुई थी,
मोहब्बत, मगर जिससे हुई,,
हम उसके काबिल न थे।

बोलती है दोस्ती, चुप रहता है प्यार,
हंसाती है दोस्ती, रुलाता है प्यार।
मिलाती है दोस्ती, जुदा करता है प्यार,
फिर क्यों दोस्ती छोड़कर लोग करते है प्यार।

अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े,
हवा का शोर मेरी उलझने बढ़ा देता है।

दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे,
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे।
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है,
हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे।

जो भी हुआ उसे भुल जाते है,
उसकी यादों को सपनों में सजा जाते है।

मैं हर बार सोचता हूँ कि तुम्हें याद ना करूँ,
पर तुम्हारी यादें ही तुम्हारी याद दिला देती हैं !

किसी की याद में दर्द भरी शायरी
किसी की याद में दर्द भरी शायरी

जो हमसे बिछड़ जाते है,
अक्सर वही बहुत याद आते है।

आंसू बहे तो एहसास होता है,
दोस्ती के बिना जीवन कितना उदास होता है।
उम्र हो आपकी चाँद जितनी लंबी,
आप जैसा दोस्त कहाँ हर किसी के पास होता है।

मिलना ना सही तो थोड़ी सी बात ही कर लो,
बात ना सही तो थोड़ा सा याद ही कर लो !

मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी।
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी।

एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे,
सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे।
जितना जी चाहे सता लो मुझको,
एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।

कभी रो के मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए।
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए।

मुझे समझने का दौर कभी क्यूँ नही होता,
मुझसा मजबूर कभी तू क्यूँ नहीं होता।
क्या फ़र्क़ है तेरी वफ़ा और मेरी वफ़ा में,
मुझे बेहिसाब हो तुझे दर्द क्यूँ नहीं होता।

उन लोगों का क्या जो तुम्हारे है करीब,
हम तो बिते लम्हों की यादों को ही समझते है अपना नसीब।

नज़र और नसीब में भी
क्या फर्क है यारों
नज़र उसे ही पसंद करती है
जो नसीब में नहीं होता

मेरे आँसुओं के दाम तुम चुका नहीं पाओगे
मोहब्बत न ले सके तो दर्द क्या खरीदोगे

प्यार सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पे मरना सिखा देता है।
प्यार नहीं किया तो करके देख लो यार,
ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।

याद शायरी
याद शायरी

अपने अकेलेपन से डर सा लगने लगा है मुझे,
तेरी यादें जब भी आती है सिहरन सी दे जाती है !

लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली,
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है

जब भी याद आती है तो ख्वाब आते है,
आंखों से आंसु बेहिसाब आते है।

भले ही तुमने हमें भुला दिया होगा,
लेकिन हम अब भी तुम्हें याद करते है !

उसके इंतजार के मारे है हम,
बस उसकी यादों के सहारे है हम।
दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब,
जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम।

तुम्हें पा लेते तो किस्सा खत्म हो जाता,
तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी।

सुना भी कुछ नही,
कहा भी कुछ नही।
पर ऐसे बिखरे हैं,
जिंदगी की कश्मकश में।
कि टूटा भी कुछ नही,
और बचा भी कुछ नही।

पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं।
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे,
मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं।

Dard Bhari Shayari Likhi Hui
Dard Bhari Shayari Likhi Hui

आज फिर वही यादों का चित्रहार चला,
कुछ पल तो रुका वो फिर उस पार चला।
मैं रह गया इस पार बेक़रार कुछ उम्मीद लियें,
वो कुछ और की उम्मीद में बेक़रार चला।

आरजू नहीं के ग़म का तूफान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये।
भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना,
दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाये।

तेरी यादें अजीब सी तड़प दे जाती है,
हँसती हुई आँखों को भी रुला जाती है !

ना कोई बारिश थी, ना किसी से हमें भिगाया,
आँखे नम थी, उसकी यादों ने हमे रुलाया !

प्यार कोई दीया नहीं,जब चाहा जला दिया बुझा दिया,
ये बालू का महल नहीं,जब चाहा बना लिया मिटा दिया।
ये रस है जो दिल की गहराइयों से लिकलता है,
ये बच्चों का खेल नहीं,जिसे चाहा हरा दिया जिता दिया।

वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे।
हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।

वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है।
उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,
मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।

दर्द जुदाई का ये आलम,
हम तेरी याद में कैसे सहेंगे जानम।

कैसे बताएं हमें तुम्हारी कितनी याद आती है,
तुझे देखे बिना ये आंखें चैन नही पाती है।

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