कम बोलने वाले को क्या कहते हैं

कम बोलने वाले को क्या कहते हैं एवं कम बोलने के फायदे व नुकसान क्या हैं?

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By Shubham Jadhav

इस पूरे संसार में भांति भांति के लोग हैं और सभी की अपनी अपनी विशेषताएं हैं। लोगों में भेद उनके निवास स्थान के आधार पर, बोली के आधार पर, रंग के आधार पर व बोलने के क्षमता के आधार पर भी किया जाता है। हम सबमें कितनी ही भिन्नताएं या असमानताएं या कमियां क्यों न हो लेकिन कुछ बातें हम सभी को ही विशेष बनाती हैं। कुछ लोग दिल खोलकर बातें कर लेते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो काफी शर्माते हैं या फिर केवल 2 टूक बात करने में ही समझदारी समझते हैं। आईये आज हम आपको बताएँगे कि कम बोलने वाले को क्या कहते हैं एवं कम बोलने के फायदे व नुकसान क्या हैं?

कम बोलने वाले को क्या कहते हैं?

Kam Bolne Wala Ke Liye Ek Shabd: कम बोलने वाला व्यक्ति मितभाषी कहलाता है। ये ऐसे व्यक्ति होते हैं जो कम शब्दों में ही अपने मन की बात कह देते हैं या फिर थोड़े शर्मीले होते हैं।

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कम बोलने के फायदे क्या हैं?

कम बोलने के बहुत से फायदे हैं जिनमें से कुछ अग्रलिखित हैं।

1) समय की बर्बादी से बचना

अगर देखा जाये तो फ़िज़ूल की बातें करना और गप्पे लड़ाना समय की बर्बादी ही होता है। यदि आप फ़िज़ूल की बातों से बचेंगे तो समय की बर्बादी कम होगी।

2) काम पर ज्यादा फोकस

जब आप अधिक बात करने से बचते हैं तो आपके पास काम पर ध्यान केंद्रित करने का बहुत ही अधिक समय बचता है जिससे आप दूसरों की तुलना में अधिक काम कर सकते हैं व ज्यादा प्रोडक्टिव हो सकते हैं।

3) झगड़ों से बचना

कई बार बातों बातों में मनमुटाव व तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अब यदि आप 2 टूक ही बात करेंगे तो इस प्रकार के किसी भी झगड़ों में आप संलग्न होंगे ही नहीं और मानसिक संताप से भी बचेंगे।

4) अकेले रहने से डर नहीं लगता

जो लोग दूसरे लोगों से बात करके व उनके ऊपर आश्रित होकर ही सारे काम करते हैं उन्हें अकेले रहने से डर लगता है। लेकिन यदि आप अपने आप में ही मस्त हैं तो आप अकेले रहने से नहीं डरेंगे, खुद ही शॉपिंग पर जा सकते हैं एवं साथ ही अकेले किसी रेस्टोरेंट में खाना भी खा सकते हैं।

5) लोगों का ज्यादा विश्वास

कम बोलने वाले लोगों पर दूसरे लोग ज्यादा विश्वास करते हैं। सभी को पता है कि जो कम बोलता है वह किसी राज की बात को इधर उधर नहीं करेगा। साथ ही साथ कम बोलने वाला व्यक्ति जो बात कहता है उस पर भी दूसरे लोगों को भरोसा होता है।

कम बोलने के नुकसान क्या हैं?

जैसे की हर चीज के दो पहलू होते हैं, वैसे ही कम बोलने के भी फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। फायदे हमने आपको ऊपर गिना दिए अब बात करते हैं कम बोलने के नुकसान की।

1) लोग आपको अकड़ू समझेंगे

कम बोलने वाले व्यक्तियों को ज्यादातर लोगों द्वारा अकड़ू ही समझा जाता है। वे सोचते हैं कि आपमें बहुत घमंड है इसलिए दूसरों से ठीक से बात नहीं करते।

2) छोटा या न के बराबर फ्रेंड सर्कल

कम बोलने वाले व्यक्तियों को दोस्त बनाने में अधिकतर लोग हिचकिचाते हैं इसलिए हो सकता है कम बोलना आपके फ्रेंड सर्कल को बहुत ही छोटा या न के बराबर बना दे।

3) दूसरों द्वारा बात करने में हिचकिचाना

अक्सर देखा गया है कि कम बोलने वाले व्यक्तियों से बात करने में या बातें शेयर करने में लोग हिचकिचाते हैं। वे सोचते हैं पता नहीं इसको कोई बात बताएँगे तो ये उल्टा जवाब तो नहीं दे देगा या हमें शर्मिंदा तो नहीं होना पड़ेगा?

4) अंदर ही अंदर घुटना

कम बोलने वाले व्यक्ति अपने ही भीतर घुटते रहते हैं क्यूंकि वे अपने मन की बात दूसरों से कह नहीं पाते हैं। इस वजह से अधिक सोचने की समस्या उत्पन्न हो जाती है और मानसिक तनाव बढ़ता है।

FAQs

कम बोलने वाले कैसे होते हैं?

यह तो उस व्यक्ति के ऊपर निर्भर करते है। कुछ लोग मितभाषी होने के साथ साथ समझदार भी होते हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने में काफी गुरुर होता है।

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