गणपति बप्पा मोरिया का अर्थ Meaning Of Ganpati Bappa Morya In Hindi

जानिए गणपति बप्पा मोरिया का अर्थ

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By Nitesh Harode

गणेश चतुर्थी आने वाली है इस साल 19 Sept, 2023 को गणेश चतुर्थी है और हर हिन्दू उत्साहित है कि बप्पा का आगमन होने वाला है, गणेश चतुर्थी से ग्यारह दिन के लिए हर घर में और पंडालो में गणेश जी की मूर्ति स्स्थापित की जाती है और उनकी पूजा आरधना की जाती है तथा यह कामना की जाती है कि भगवान गणेश उनकी सारी समस्याओं का अंत करेंगे और उनकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होगी। इन दिनों हर जगह बप्पा के जय कारे सुनाई देते हैं गणपति बप्पा मोरिया, मंगलमूर्ती मोरया। जब भी भगवान गणेश की आरती की जाती है तो आरती के सम्पन्न होने के बाद इस जयकारो का उपयोग किया जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि गणपति बप्पा मोरिया का अर्थ क्या है और यह कहा से आया हैं? यह जयकारा गणेश जी का सनसे प्रसिद्ध जयकार है पर आखिर इस जयकारे में मोरिया का अर्थ क्या है? (Meaning Of Ganpati Bappa Morya In Hindi)आइयें जानते हैं।

गणपति बप्पा मोरिया का अर्थ – Meaning Of Ganpati Bappa Morya In Hindi

गणपति बप्पा मोरिया, मोरिया रे बप्पा मोरिया रे और गणपति बप्पा मोरिया, मंगलमूर्ती मोरया जैसे जयकारे फिर सी गूंजने वाले हैं क्योकि गणेश चतुर्थी आने वाली है और हर घर और पंडाल में यह जयकारे जरुर लगेंगे। गणपति बप्पा मोरिया में जो मोरिया शब्द है उसको ले कर हर किसी के मन में यह सवाल होता कि आखिर इसका अर्थ क्या है तो आपको बतादें कि मोरिया एक गणेश भक्त का नाम है जिनका पूरा नाम मोरया गोसावी था, मोरया गोसावी का जन्म 14वीं शताब्दी में हुआ था, यह महाराष्ट्र के चिंचवाड़ गांव में जन्मे थे जो पुणे से 21Km दूर स्थित हैं। यह अपनी गणेश भक्ति के लिए प्रसिद्ध है और इन्होने अपना पूरा जीवन गणेश की भक्ति में ही बिताया था. यह हर दिन गणेश जी के मंदिर में जा कर उनकी पूजा करते थे पर जैसे जैसे जैसे इनकी उम्र बढती गयी उनके लिए मंदिर जाना कठिन होता गया।

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फिर एक दिन उनके सपने में गणेश जी आये और उन्होंने कहा कि उन्हें पास की नदी में गणेश जी की मूर्ति मिलेगी जिसकी अपने समीप ही स्थापना कर लें और प्रतिदिन बिना किसी समस्या के पूजा कर सकें। मोरया गोसावी ने ऐसा ही किया। इस बारें में पुरे गाँव को पता चल गया और हर जगह उनकी बात होने लगी, तथा हर कोई उस मूर्ति के दर्शन के लिए आने लगे तथा लोग मोरया गोसावी को प्रणाम करते और उनके पैर भी छूटे तथा उन्हें मोरया कहते हर कोई ऐसा करने लगा उन्हें प्रणाम करने के बाद लोग उन्हें मोरया कहते तथा मोरया गोसावी उन्हें मंगलमूर्ति कहते इससे यह एक परम्परा बन गयी और गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया प्रसिद्ध हो गया।

एक मान्यता यह भी है कि भगवान गणेश मोरया गोसावी की भक्ति से काफी प्रसन्न थे और उन्होंने उन्हें यह वरदान दिया कि उनका नाम हमेशा उनके नाम के साथ लिए जाएगा, जिसके फलस्वरूप गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया प्रसिद्ध हुआ और आज हर कोई इसका उद्घोष करता है।

मोरया गोसावी मंदिर, चिंचवड में स्थित है और यहाँ भक्तो की भीड़ लगी रहती हैं तथा हर कोई अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए इस मन्दिर में जरुर आता है और यहाँ जाने वाली की हर मुराद पूरी होती है।

उम्मीद हैं कि आप समझ गये होंगे कि आखिर गणपति बप्पा मोरया क्यों कहा जाता है और गणपति बप्पा मोरिया का अर्थ क्या है। यदि आप चाहते हैं कि यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके मित्रो को भी पता चले तो उन्हें इसे जरुर शेयर करें, ताकि वह भी जाना सके कि आखिर गणपति जी के नाम साथ मोरया क्यों लगाया जाता है।

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