गुणसूत्र कितने प्रकार के होते हैं?

किसे कहते हैं क्रोमोसोम और यह कितने प्रकार के होते हैं?

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By Nitesh Harode

नमस्ते दोस्तों ! स्वागत है आपका हमारी इस पोस्ट पर जहा हम आपको गुणसूत्र या क्रोमोसोम (Chromosome) के बारें में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं। आज हम जानेंगे कि गुणसूत्र क्या होता है व गुणसूत्र कितने प्रकार के होते हैं?

गुणसूत्र क्या होता है?

यह तंतु रूपी पिंड होते हैं जो सभी वनस्पतियों व जीवों की कोशिकाओं में उपस्थित होते हैं। जब क्रोमैटिन नामक कोशिका विभाजन के समय सिकुड़ जाती है तब छोटे और मोटे धागों का रुप लेने लगती है इन धागों को ही गुणसूत्र या क्रोमोसोम कहते हैं। गुणसूत्रों को अनुवांशिक लक्षणों का वाहक कहा जाता है।

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गुणसूत्र में आनुवंशिक गुण पाए जाते हैं ये माता-पिता से DNA अणु के स्वरुप में सन्तान में जाते हैं। गुणसूत्र के मुख्य कार्य अनुवांशिक गुणों का सवहन तथा लिंग का निर्धारण करना होता है।

गुणसूत्र कितने प्रकार के होते हैं?

इंसान की हर एक कोशिका में सामान्य रूप से कुल 46 यानिकी 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। कार्ल विल्हेम वॉन नेगेली ने 1842 में सबसेल्युलर संरचनाओं की खोज की थी जो बाद में क्रोमोसोम के नाम से प्रसिद्ध हुई।

गुणसूत्र के कुल 23 जोड़ो में 22 जोड़ो को ऑटोसोम कहते हैं। गुणसूत्रो की 23वी जोड़ी महिला एवं पुरुष में भिन्न भिन्न होती है जो बच्चे के लिंग का निर्धारण करती है इन गुणसूत्रो को सेक्स क्रोमोसोम कहा जाता है। क्रोमोसोम कोशिका को बढ़ने में मदद करने के लिए जरुरी सूचनाओं को ले जाने का काम करते हैं।

लिंग का निर्धारण कैसे होता है?

गुणसूत्रों के द्वारा ही बच्चे के लिंग का निर्धारण होता है। महिलाओं में एक जोड़ी ‘XX’ गुणसूत्र मोजूद होते हैं तथा पुरुषों में एक ‘X’ तथा एक ‘Y’ गुणसूत्र होते हैं। नर के X गुणसूत्र जब मादा के X गुणसूत्र के साथ मिलता है तो मादा भ्रूण का निर्माण होता है और जब नर के Y गुणसूत्र मादा के X गुणसूत्र के साथ मिलता है तो नर भ्रूण का निर्माण होता है।

बच्चे के लिंग के लिए पुरुष ज़िम्मेदार होता है महिला नही, हमारे देश में बच्चे के लिंग के निर्धारण के लिए महिलाओ को ज़िम्मेदार माना जाता आ रहा है।

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