भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है?

भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है?

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By Nitesh Harode

क्या आप जानना चाहते हैं कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े इसमें आपको इस प्रश्न का उत्तर आसान शब्दों में मिल जाएगा।

भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है?

धर्मनिरपेक्षता का अर्थ होता है कि धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार कि परिस्थिति में भेदभाव न करना। जो देश धर्मनिरपेक्षता का पालन करते हैं जिन्हें धर्मनिरपेक्ष देश कहा जाता है उन देशो में धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेद भाव नही किया जाता है। जैसे कि अगर कोई व्यक्ति हिन्दू है और कोई व्यक्ति मुस्लिम है तो उन दोनों को समान अधिकार मिलेंगे चाहे वह अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है यहाँ हर वर्ग जाति, धर्म के लोग रहते हैं। उनके अधिकारों की रक्षा तथा उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता मिल सके और धर्म के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव न हो इसीलिए भारत को संविधान के आधार पर एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाया गया है।

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आज़ादी के समय भारत को दो हिस्सों में बाट दिया गया था जिसका एक भाग पाकिस्तान बना जिसे कट्टरवादी मुस्लिम नेताओ की मांग पर बनाया गया था इसीलिए उसे एक इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर दिया गया पर उस समय भी भारत में अलग अलग धर्म के लोग रुकना चाहते थे इसीलिए संविधान को कुछ इस तरह से निर्मित किया गया कि यहाँ हर धर्म के लोग स्वतंत्रता से रह सके और उनके अधिकारों का हनन न हो।

सोचिये आप किसी देश के नागरिक है और वहा धर्मिक कट्टरता इस कदर से हावी है कि वहा केवल बहुसंख्यको को ही उनके धर्म का पालन करने की आज़ादी हो और आप अल्पसंख्यक समुदाय से है तो आपको कितना बुरा लगेगा। आपके साथ शिक्षा के क्षेत्र में, राजनेतिक क्षेत्र में , व्यापारिक क्षेत्र में केवल इसीलिए भेदभाव किया जाए क्योकि आप अल्पसंख्यक है तो उस देश का हर नागरिक कैसे खुश रह सकेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाया गया है।

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