भाजपा का इतिहास और विकास

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By Nitesh Harode

आज के इस लेख में आपको भाजपा का इतिहास और विकास पढ़ने के लिए मिलेगा, यहाँ आप जानेंगे कि बीजेपी की स्थापना कब हुई किसने की? साथ ही इसके प्रमुख नेताओं के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी यहां पढ़ने के लिए मिल जाएगी।

भाजपा का इतिहास और विकास

बीजेपी की स्थापना कब हुई किसने की

देश में कई राजनेतिक पार्टियाँ है उन्ही में से एक है बीजेपी, जिसकी स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, पर BJP का सम्बन्ध श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा निर्मित भारतीय जनसंघ से रहा है। भारतीय जनसंघ की स्थापना 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में हुई थी। श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था, यह सावरकर के राष्ट्रवाद के प्रति आकर्षित हुए और हिन्दू महासभा में सम्मिलित हुए थे। यह पहले तो कांग्रेस के सदस्य थे पर नेहरू सरकार ने कई हिंदुओं के अधिकारों को नजरअंदाज किया था, जिस कारण उन्होंने इस पार्टी को छोड़ कर भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी।

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Syama Prasad Mukherjee
श्यामाप्रसाद मुखर्जी

भारतीय जनसंघ का इतिहास

भारतीय जनसंघ के तीन संस्थापक थे जिनके नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक और दीनदयाल उपाध्याय है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरु से अलग हो कर भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी क्योकि कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लग रहे थे जो सही भी थे, इसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने संघ शीर्ष नेतृत्व से सलाह मशविरा कर जनसंघ की स्थापना की थी।

भारतीय जनसंघ का इतिहास
भारतीय जनसंघ

दीनदयाल उपाध्याय का परिचय

दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को हुआ था यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठनकर्ता थे तथा अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी थी। 10 फरवरी 1968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या कर दी गयी थी जो एक बहुत बड़ा हादसा था तथा इसका आरोप दो चोरो पर लगा जिन्होंने चोरी के उद्देश्य से उन्हें ट्रेन से धक्का दे दिया था पर कई लोग इस बात को नहीं मानते हैं और जांच को झुठा ठहराते हैं।

दीनदयाल उपाध्याय का परिचय  - भाजपा का इतिहास और विकास
दीनदयाल उपाध्याय

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु और कश्मीर

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर को मिले विशेष अधिकारी का विरोध किया जिसके चलते उन्हें जेल में डाल दिया गया और 23 जून 1953 को कश्मीर के कारावास में उनकी मृत्यु हो गयी। इनकी मृत्यु भी अनसुलझे मसलों मेसे एक हैं, यह नेहरु की नीतियों से खुश नहीं थे और कश्मीर को मिले विशेष अधिकारों का पुरजोर विरोध कर रहे थे। 1953 में तत्कालीन पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा दे दिया था, इसका विरोध गुरुदत्त वैद्य, अटल बिहारी वाजपेयी, बलराज मधोक आदि ने किया था। 1953 में मुखर्जी के निधन से संगठन की जिम्मेदारी उपाध्याय जी के कंधों पर आ गयी थी।

1967 में कालीकट अधिवेशन में उपाध्याय जी को भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया, 1967 में दीनदयाल उपाध्याय जी के नेतृत्व में कांग्रेस की कई राज्यों में हार हुई, कांग्रेस को छः राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, पर इंदिरा गाँधी चुनाव जीत प्रधानमंत्री बनी।

अनुच्छेद 370
धारा 370

आपातकाल की घोषणा

इंदिरा गाँधी ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए देश में आपातकाल की घोषणा कर दी, इंदिरा गाँधी ने 5 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि के लिए भारत में आपातकाल लगा दिया और आज भी इनकी पार्टी के पास आपातकाल लगाने के कारणों की जानकारी नहीं है क्योकि यह एक राजनेतिक फायदे के लिए उठाया गया कदम था। इस समय देश के राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद थे इन्होने ही इंदिरा गाँधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गये, नागरिको के सभी अधिकारों को समाप्त कर दिया गया, प्रेस पर प्रतिबंधित लगा दिया गया, पुरुष नसबंदी की गयी, जनसंघ के कई बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया।

आपातकाल की घोषणा - इंदिरा गाँधी
आपातकाल

जनता पार्टी का निर्माण

आपातकाल के बाद इंदिरा गाँधी ने 1977 में चुनाव का फैसला लिया, इस बात को ध्यान में रखते हुए जयप्रकाश नारायण ने कई कांग्रेस-विरोधी दलों को एकत्रित करने का काम किया और जनता पार्टी बनाई जिसमे मुखर्जी की पार्टी भारतीय जनसंघ भी शामिल हो चुकी थी, जो 1 मई 1977 को जनता पार्टी में विलय हो गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिन्ह हल ले जाता हुआ किसान था।

जनता पार्टी ने कांग्रेस को हरा कर सत्ता प्राप्त की पर मात्र ढाई साल तक ही यह पार्टी रही और मोरारजी देसाई स्वतंत्र आधुनिक भारत के इतिहास में पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिसके बाद इसमें आपसी स्पर्धा बढ़ने लगी और कांग्रेस ने भी इस पार्टी के विरुद्ध अपनी पूरी क्षमता लगा दी।

जनता पार्टी का निर्माण
जनता पार्टी

जनता पार्टी और आरएसएस

जनता पार्टी की राष्ट्रिय कार्य समिति ने 4 अप्रैल, 1980 को एक नया नियम पारित किया कि कोई भी जनता पार्टी का सदस्य RSS (राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ) का सदस्य नहीं रह सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिन्दू राष्ट्रवादी, अर्धसैनिक, स्वयंसेवक संगठन हैं जिसकी स्थापना 27 सितम्बर 1925 को डॉ॰ केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गयी थी। आज यह विश्व का सबसे बड़ा संघठन है जिसमे करोड़ो स्वयंसेवक है। इस संघठन पर तीन बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है, सबसे पहले 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा था, और 18 माह बाद यह हटा। संघ पर दूसरी बार प्रतिबंध आपातकाल के दौरान लगा फिर जब 1977 में जनता पार्टी की सत्ता में आई और प्रतिबन्ध हटा। इसके बाद 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के आरोप में प्रतिबन्ध लगा जो 6 माह तक रहा।

राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ
(राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ) आरएसएस

बीजेपी की स्थापना

जनता पार्टी की राष्ट्रिय कार्य समिति ने जो 4 अप्रैल, 1980 को एक नया नियम पारित किया था कि जनता पार्टी का सदस्य RSS का सदस्य नहीं रह सकता हैं, इसका विरोश हुआ जिसके फलस्वरूप विरोध के चलते एक नयी पार्टी का निर्माण हुआ जिसका नाम भारतीय जनता पार्टी “बीजेपी” रखा गया इसीलिए BJP की स्थापना 6 April 1980 को हुई थी। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के मुख्य उद्देश्य देश में हिंदू संस्कृति को संरक्षित करना, देश को विकास की राह पर ले जाना, देश को विश्व गुरु बनाना तथा उन सभी कानूनों को हटाना था जो राष्ट्रहित की दृष्टि से सही नहीं है।

बीजेपी की स्थापना
बीजेपी लोगो

अटल बिहारी वाजपेयी का परिचय

इस पार्टी के निर्माण के बाद अटल बिहारी वाजपेयी इसके प्रथम अध्यक्ष बने, बीजेपी का रुख आरएसएस की तरफ था और हिन्दूवादी छवि के कारण साम्प्रदायिक हिंसा भी प्रभावी हो गयी। अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था, यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे और आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया था।

अटल बिहारी वाजपेयी का परिचय
अटल बिहारी वाजपेयी

बीजेपी का चुनावी सफर

हिन्दू राष्ट्रवाद को साथ रख BJP ने 1984 में अपना पहला चुनाव लड़ा जिसमे उसे 2 सीटों पर जीत मिली, फिर इसके पांच साल बाद 1989 के चुनाव में बीजेपी ने 86 सीट हासिल की तथा 1991 में दोबारा चुनाव हुए जिसमे BJP ने 120 सीट प्राप्त की। 25 सितंबर 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा निकाली गयी रथ यात्रा जो अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए थी का गहरा प्रभाव हिन्दुओ पर हुआ और बीजेपी को 1991 में 120 सीटे मिली ।

1996 में 161 सीटें जीतकर बीजेपी पहली बार कांग्रेस से ज्यादा सीटें लाने में सफल रही पर कोई भी दल इस चुनाव में बहुमत नहीं पा सका तथा अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 मई, 1996 को प्रधानमंत्री का पद संभाला पर बहुमत साबित न कर पाने के कारण मात्र 13 दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इस साल BJP ने 161 सीट, कांग्रेस ने 140 सीट क्षेत्रीय दलों ने 129 सीट प्राप्त की थी।

अटल जी बने देश के PM

1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक जनता दल के एचडी देवेगौड़ा प्रधानंमत्री रहें और 21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 तक इन्द्र कुमार गुजराल भारत के प्रधानमंत्री रहे, जिसके बाद 1998 में अटल जी ने NDA के साथ मिल कर सरकार बनाई जिसमे बीजेपी की 183 सीटें थी। और वह 6 साल, 64 दिन तक देश के PM भी रहें जिस बीच उन्होंने भारत की राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया, उन्होंने 2003 में सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया, 1999 में अपनी सरकार में विनिवेश मंत्रालय के तौर पर एक अनोखा मंत्रालय का गठन किया। अटल सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश घोषित कर दिया।

गोधरा कांड

2002 में गुजरात में बीजेपी की सरकार थी तथा इसी बीच गुजरात में 26 फरवरी, 2002 को गोधरा कांड हो गया था। 26 फरवरी, 2002 को कारसेवको की एस-6 कोच में मुस्लिमों द्वारा आग लगा दी गयी जो अयोध्या से लोट रहे थे, इस घटना के कारण गुजरात में मुस्लिम विरोधी दंगे भडक गये जिसमे हजारो लोगों की जान गयी। इस समय में हिन्दूवादी छवि रखने वाली गुजरात के मुख्यमंत्री को अटल जी ने राजधर्म का पालन करने के लिए कहा था। विशेष अदालत ने गोधरा कांड में 11 को फांसी, 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई, यह फैसला 1 मार्च 2011 को आया था। 2002 में भड़के मुस्लिम विरोधी दंगो के लिए कई पार्टियों ने मोदी को जिम्मेदार ठहराया पर यह पूर्णरूप से झूठ साबित हुआ।

गोधरा कांड 2002
गोधरा कांड

2004 लोकसभा चुनाव

2004 चुनाव में बीजेपी को फिर हार का सामना करना पड़ा, इस वर्ष अटल जी ने इंडिया शाइनिंग का नारा भी दिया था पर इसका असर जनता पर नहीं दिखा और जनता ने कांग्रेस को जीत दिलाई जिसके फलस्वरूप कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया जो देश के प्रथम सिख प्रधानमंत्री थे। इस साल हार के कई कारण सामने आये जैसे आरएसएस के साथ समन्वय में कमी, पारम्परिक समर्थको का असहयोग आदि।

2004 में BJP को 138 सीटे मिली थी, और 2009 में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा इस साल बीजेपी को 116 सीटें मिली और फिर कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 6 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त में हुआ था।

सोनिया गाँधी से पूछा गया कि आप प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनीं इस पर सोनिया ने कहा कि “मुझे विश्वास था कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे. उन्होंने कहा कि मैं अपनी सीमाएं जानती थीं, यही वजह रही कि मैंने कभी प्रधानमंत्री का पद पाने के बारे में नहीं सोचा।”

मोदी जी बने देश के प्रधानमंत्री

समय के साथ जनता को लगने लगा की कांग्रेस के कारण देश में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और देश का विकास भी काफी धीमी गति से हो रहा है, तो उन्होंने 2014 में भारी बहुमत के साथ बीजेपी को वोट दिया और नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बीजेपी ने 282 सीट प्राप्त की तथा बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाई। मोदी जी 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहें, वह पहली बार 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तथा 2013 तक मुख्यमंत्री रहे इसके बाद उन्होंने प्रधानमन्त्री का पद सम्भाला था।

नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल में गुजरात को विकास की राह दिखाई, और गुजरात को विकसित करने के लिए कई योजनाएं प्रारम्भ की, जिसका फायदा उन्हें लोक सभा के चुनाव में मिला। मोदी जी एक ऊर्जावान मंत्री है तथा उनके भाषण जनता को काफी पसंद आते हैं। उनकी देशभक्त की छवि और हमेशा कार्य करने की लगन की वजह से ही वह आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता है।

पुरे विश्व में उन्हें जाना जा रहा है तथा भारत आज विश्व गुरु बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। मोदी जी की विदेश निति देश के लिए फायदेमंद साबित हो रही है तथा वर्तमान में यानिकी 2023 में देश के विदेश मंत्री का नाम सुब्रह्मण्यम जयशंकर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (बीजेपी )
नरेन्द्र मोदी

बीजेपी का 2014 का घोषणा पत्र

2014 में बीजेपी ने कई ऐसे मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल किया जो वास्तविक रूप से बेहद जरुरी थे तथा इनका असर जनता पर हुआ भी, जनता ने मोदी जी की छवि को देखते हुए यह माना की वे इन मुद्दों पर अवश्य काम करेंगे और देश का विकास सम्भव होगा। बीजेपी के घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो) के मुख्य मुद्दे थे राम मंदिर का निर्माण, कश्मीर में लागू धारा 370 और 35a को हटाना, तीन तलाक के विरुद्ध कानून लाना, काला धन वापस लाना और इसके लिए कड़े कानून बनाना, CAA और NRC, रोजगार बढ़ाने का वादा, भ्रष्टाचार को खत्म करना, प्रत्येक भारतीय के लिए पका मकान, देश में विकास की लहर लाना, हर नागरिक तक योजनाओ को पहुँचाना।

2014 में जीतने के बाद मोदी जी और उनके सहायक मंत्रियों ने देश के विकास को नयी ऊंचाईयों पर पहुँचाया तथा देश की जनता को बीजेपी के कार्य ने काफी प्रभावित किया और मोदी जी की नीतियों से विदेश में भारत की प्रतिष्ठा बड़ी, साथ ही कई देशो से मित्रता हुई जिसका लाभ देश की जनता को मिला। अमित शाह मई 2014 में भाजपा अध्यक्ष बने, ये अपनी नीतियों के लिए प्रसिद्ध हैं तथा बीजेपी के एक प्रमुख नेता है। इन्हें चाणक्य भी कहा जाता है।

सर्जिकल स्ट्राइक

18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान द्वारा किये गये उरी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गये थे, जिस कारण देश में आक्रोश था। मोदी सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सेना के साथ मिलकर सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई, और POK में घुस कर कई आतंकवादीयों को मौत के घाट उतारा तथा कई ठिकानों को नष्ट कर दिया। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जहां पाकिस्तान सदमे में था वहीं भारत की जनता जश्न मना रही थी।

2019 लोकसभा चुनाव और राम मन्दिर

नरेन्द्र मोदी और बीजेपी की विचारधारा से लोग काफी प्रसन्न थे तथा विकास कार्यो को देखते हुए जनता ने 2019 में भारतीय जनता पार्टी को 303 सीट हासिल करने में मदद की, जिसके बाद बीजेपी सरकार ने और अधिक ऊर्जा के साथ कार्य किया तथा राम मन्दिर और धारा 370 जैसे वादों को पूर्ण किया।

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, एक कट्टर हिन्दू की छवि रखने वाले बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ के राज में राम मंदिर का फैसला आया, लोगों के बीच दंगो का डर था पर सरकार ने कड़े इंतजाम कर रखे थे।

योगी आदित्यनाथ का संक्षिप्त जीवन परिचय

योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के महन्त तथा राजनेता हैं एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री हैं। इनका जन्म 5 जून 1972 को हुआ था। 19 मार्च 2017 योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट है तथा इनकी माता का नाम सावित्री देवी है यह एक कुशल गृहिणी है, इनके परिवार में इनके तीन बहनें और तीन भाई भी है।

योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय
योगी आदित्यनाथ

बीजेपी के वादे

मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया था। बीजेपी ने अपने कई वादे पुरे तो किये लेकिन कुछ वादे ऐसे भी रहें हैं जो पूर्ण नहीं हो सके हैं तथा जनता इस कारण थोड़ी निराश हो सकती है। इनमें सबसे मुख्य महंगाई, रोजगार, हर व्यक्ति के लिए पक्का मकान, 100 स्मार्ट सिटी का निर्माण शामिल है। स्मार्ट सिटी में कई तरह की विशेषताएँ शामिल है, जैसे स्मार्ट बुनियादी ढांचा, बेहतर नौकरी के अवसर, आरामदायक जीवन के लिए हर प्रकार की सुविधा, स्मार्ट स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, शासन, परिवहन प्रणाली, सुरक्षा के लिए बेहतर निगरानी। बीजेपी हमेशा से ही सबका साथ सबका विकास की बात करती आई है, हर वर्ग के लोगों तक महत्वपूर्ण योजनाओ को पहुचाना ही बीजेपी का लक्ष्य है।

अगले भारतीय आम चुनाव, 2024

16 जून 2024 को इस लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और तब तक सरकार हर संभव प्रयास करके अपने किये हुए वादों को पूर्ण करने में लगी हुई है। जिसमे मुख्य रूप से UCC समान नागरिकता संहिता, महंगाई पर काबू, POK, रोजगार शामिल है। मोदी जी ने हाल ही में कहा कि देश में यदि तीसरी बार बीजेपी सरकार आई तो भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। वर्तमान में 307 लाख करोड़ रुपए की जीडीपी के साथ भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मोदी जी के विरोध में कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी चुनाव लड़ेंगे तथा वे कई सालों से विपक्ष में रही कांग्रेस सरकार को पुनः सरकार में लाने के प्रयास कर रहे हैं।

वर्तमान में भाजपा के प्रमुख नेता

  • नरेन्द्र मोदी (प्रधानमन्त्री),
  • अमित शाह (गृह मंत्री),
  • राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री),
  • नितिन जयराम गडकरी (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री),
  • निर्मला सीतारमण (वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री),
  • डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर (विदेश मंत्री),
  • ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया (नागरिक उड्डयन मंत्री),
  • योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) है।

FAQs

बीजेपी की स्थापना कब हुई थी?

बीजेपी की स्थापना 6 April 1980 को हुई थी।

बीजेपी के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?

बीजेपी के प्रथम अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी थे।

मोदी जी का जन्म कब हुआ था?

मोदी जी का जन्म 17 September 1950 को हुआ था।

नरेंद्र मोदी की बीवी का नाम क्या है?

नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम जसोदाबेन मोदी है।

योगी आदित्यनाथ जी के गुरु का नाम क्या है?

योगी आदित्यनाथ जी के गुरु का नाम महंत अवैद्यनाथ है पर इनका जन्म नाम कृपाल सिंह बिष्ट है।

बीजेपी स्थापना दिवस कब है?

बीजेपी की स्थापना 6 April 1980 को हुई थी इसीलिए हर साल 6 April को बीजेपी स्थापना दिवस मनाया जाता है।

राज्यसभा में बीजेपी के कितने सदस्य हैं?

राज्यसभा में बीजेपी के 100 सदस्य हैं।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना कब की थी?

अक्टूबर, 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ था।

अटल जी मृत्यु कब हुई?

अटल जी की मृत्यु 16 August 2018 को हुई थी।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

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