भारत का धर्म के आधार पर विभाजन कब हुआ था?

भारत का धर्म के आधार पर विभाजन कब हुआ था?

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By Nitesh Harode

प्रश्न – भारत का धर्म के आधार पर विभाजन कब हुआ था?

भारत का धर्म के आधार पर विभाजन कब हुआ था?

धर्म के आधार पर भारत का बटवारा 14 अगस्त 1947 को हुआ था। इस दिन भारत का एक बड़ा हिस्सा अलग देश के रूप में स्थापित किया जा चुका था। जिसे पकिस्तान के नाम से जाना जाता है। भारत के बटवारे के लिए जिन्हा को जिम्मेदार माना जाता है, जिन्हा एक मुस्लिम नेता थे जिन्होंने मुस्लिम लीग की स्थापना की थी, और मुस्लिमो के लिए अलग देश की मांग भी की थी।

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जिन्हा का मानना था कि देश में हिन्दू बहुसंख्यक है यदि देश अंग्रेजो से आज़ाद हो भी गया तो मुस्लिम हिन्दुओ के गुलाम हो जाएँगे तथा हिन्दुओ के द्वारा उन पर कई तरह के दबाव बनाएं जा सकते हैं, किसी भी मुस्लिम के लिए एक प्रतिनिधि या नेता बनना मुश्किल हो जाएगा। इसी सोच के चलते जिन्हा ने एक अलग मुस्लिम देश की मांग कि जिसका बहुत से लोगो ने विरोध भी किया, पर बढ़ते दंगे और जन हानि को देखते हुए कुछ बड़े हिन्दू नेताओ ने जिन्हा की मांग को मान लिया, इस समय भारत में हिंदुओँ की संख्या 29.4 करोड़ तथा मुस्लिम की 4.3 करोड़ थी।

बटवारे के कारण कई लोगो को अपना घर छोड़ना पड़ा। धर्म के आधार पर बटवारा होने के बावजूद भी बहुत से हिन्दू पाकिस्तान में ही रह गये, भारत के नेताओ ने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया जहाँ सभी धर्म के लोग रह सकते थे। वर्तमान में धर्म के नाम पर अलग हुए पाकिस्तान की 20 करोड़ की आबादी में अब मात्र 1.6 फीसदी हिन्दू ही बचे हैं। पाकिस्तान की 1951 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान की कुल आबादी में 22 फीसदी हिन्दू थे, यह 1998 में घटकर 1.6 फीसदी रह गए हैं पाकिस्तान में आज भी हिन्दुओ के साथ अत्याचार होते हैं।

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