मिर्ची लगने वाली शायरी

दुश्मनों को लगानी है मिर्ची तो अभी स्टेटस पर डालो यह शायरी

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By Nitesh Harode

जिस तरह जिंदगी में दोस्त होते हैं उसी तरह दुश्मन भी होते है जो हमे नीचा दिखाने और नुकसान करने का मौका नही छोड़ते हैं, अगर आप ऐसे लोगो को मिर्ची लगाना चाहते हैं जो यहाँ आपको ऐसी बहुत सी शायरियां मिल जाएगी जो आपके दुश्मनों को मिर्ची लगा सकती है। जो जैसा है उसके साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए हमेशा अच्छा बनने से हमारा ही नुकसान होता है। हम आपके लिए लाये है मिर्ची लगने वाली शायरी।

मिर्ची लगने वाली शायरी

हम खुश क्यों है आखिर ये बताना भी पड़ता है, जिनके सीने में आग लगी हो वजह से हमारी उन्हें वक़्त वक़्त पर जलाना भी पड़ता है।

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सच बोलता हूँ तो लग जाती है,
लोगो की मिर्ची की तरह जल जाती है.

हमें देख दुश्मनों के चेहरे का नूर जायेगा,
सब्र रखिये जनाब हमारा भी दौर आयेगा।

एक अलग शख्सियत है हमारी
हर किसी को हमारे अंदाज कहाँ भाते हैं,
हर बार टकरा कर गिरते हैं औंधे मुँह मगर
मेरे दुश्मन अपनी हरकतों से बाज कहाँ आते हैं।

अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमे छुने की औकात नहीं होती।

मालूम है मुझे मेरी औक़ात,
हर बार क्यों दिखाते हो,

वो शौक से छोड़ सकते हैं जहान
जिनकी आँखों में हम खटकते हैं,
हम तो वो खौफ हैं जो
दुश्मनों के दिल में धड़कते हैं।

ताने लोगों के कभी मीठे राग नहीं बन सकते, ये जलने वाले कभी आग नहीं बन सकते।

नुमाइश के दौर में ये हुनर भी, मेज़बान रख़ते हैं थाली मे निवाले कम, महँगा दस्तरख़ान रख़ते हैं। समझें

जो इन्तिकाम लेने उतरूँ मैं, तो अपनी कलम से तेरी औकात बता दूं।

बड़ी-बड़ी बातें इनकी मुझे बस ख़ाक ही लगती है, क्यूंकि कामियाबी देख औरों की ज़माने वालों को आग ही लगती है।

कि बेटा भोकना थोड़ा कम करो
हम दहाड़ने पर आए तो तुम्हारा घमंड कहीं खो जाएगा
थोड़ा नरमी से बात किया करो हमसे वरना तुम्हारा बहुत नुकसान हो जाएगा

बेटा अकड़ना मत हमारे बहुत खराब है उसूल… हम उस्ताद रह चुके है हमारे सामने बनना मत कूल..

ये जो अफवाहें फैलते हैं एक दिन खुद कहानी हो जाएंगे, मेरी कामियाबी से जलने वाले एक दिन खुद पानी-पानी हो जाएंगे।

अबे वो हेलो हाँ मैं वही हु जिसका तू कुछ नही बिगाड़ सकता

जो हम तक पहुँच नहीं सकते
वो हमको क्या गिराएंगे,
हमारे दुश्मनों से कहो अपना कद ऊँचा करें
बराबरी होगी तो हम भी दुशमनी निभाएँगे।

औकात जो नाप रहे हो ज़ुबान की धार से,
ज़रा ख़ुद में झाँक लो ज़मीर के दीदार से।

ये जो मेरे दुश्मन है वही सगे हमारे हैं, इनसे मोहोब्बत है मुझे क्यूंकि ये जीते मेरे सहारे हैं।

अपने दिल में हम
शेरों सा हौसला मौजूद रखते हैं,
छूकर हमें कहीं ख़ाक ना हो जाना
हम रगों में लहू नहीं बारूद रखते हैं।

घूँट जो हर हार पर मेरी ये गुस्से के पी रहे हैं, मज़ा आता है उन्हें देख जो मुझे मरता देखने के लिए जी रहे हैं।

कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वाले भी, महफ़िले खुद की सजाते हैं और चर्चे हमारे करते हैं।

जो कहते हैं कि तू कुछ कर नहीं सकता
मेरा वादा है उन बच्चो से ऐसा समय लाऊंगा
कि मजबूर हो जाओगे कहने को
जो तू कर सकता है वह कोई और नहीं कर सकता

 मैं मदद करके एहसान नहीं जताता
और बात रही बदल जाने की मैं अभी भी पहले जैसा हूं
बस अब फालतू लोगों को मुंह नहीं लगाता

किसी ने कहा था जलो मत बराबरी करो
मैं कहता हूं तुम जल ही लो
क्योंकि बराबरी तुमसे होगी नहीं 

हमसे मिलने आओ तो अपने कलेजे की आग को ठंडा करके आना वरना हम तो 100 नंबर की गाड़ी पर बैठकर जाएंगे लेकिन तुम 108 लेट कर जाओगे

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