बेस्ट इस्लामिक शायरी

बेस्ट इस्लामिक शायरी – Best Islamic Shayari

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By Shubham Jadhav

अगर आप बेस्ट इस्लामिक शायरी (Best Islamic Shayari) की तलाश में है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है इसमें आपको एक से एक शायरियां मिल जाएंगी।

बेस्ट इस्लामिक शायरी

धागा ही समझ, तू अपनी “मन्नत” का मुझे
तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं

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गजब की हैं तेरी
दुनियां के लोग
या अल्लाह
जीतनी इज्ज्त दों
उत्ना दुःख देते हैं.

नफ़सा नफ़सी का आलम है..
अदाकार तो मिलते है वफ़ादार नही..

डाक्टर आपक़ा इलाज़ कर सक़ते है,
लेकिन याद रख़े कि क़ेवल अल्लाह् ही हैं,
आपक़ो ठिक क़र सकता हैं।

ना गोरा रंग हुसैन की अलामत है
और ना काला रंग बदसूरती की निशानी,
कफन सफेद होकर भी खौफ की अलामत है
और काबा काले गुनाह में भी आंखों की ठंडक है.

अगर तुम अपनी तकब्बुर को तोड़ना चाहते हो,
तोह किसी ग़रीब को सलाम किया करो

Islamic Shayari

सरकार कोई भी आए,
पर अच्छे दिन नमाज पढ़ने से ही आएंगे !!

दुनिया में सिर्फ दो चीज मशहूर है,
एक तेरी भाई की Style,
और दूसरी तेरी भाभी की Smile.

जब तुमको अपने अच्छे अमाल से खुशी हो,
और बुरे काम से रंज हो तो समझो के तुम मोमिन हो।

गुनाह ज़हर जैसा है,
जो कम हो या ज्यादा।
हर सुरत में नूकसान,
पहुंचाता है।

बच ना सका खुदा भी मोहब्बत के तकाजे से,
एक महबूब की खातिर सारा जहान बना डाला।

दूर हैं नमाज़ों से, आरज़ू है जन्नत की,
जो मिला दे मन्ज़िल से वो पता नहीं लेते

मेरी औकात से ज़्यादा तूने मुझे दिया है या रब
तू लाख मुश्किलों में भी डाल दे मुझे तुझ पर भरोसा है

या अल्लाह क़ुछ दे या ना दें,
ब़स माँ-बाप क़ा साया ना ऊठाना सर सें आमीन।

उस दिन भी कहा था और आज भी कहते है,
सिर्फ उम्र ही कम है,
लेकिन जज्बा तो दुनिया को मुट्ठी में करने का रखते है

Islamic Shayari In Hindi

बेशक पहनलो हमारे जैसे कपडे और ज़ेवर,
पर कहा से लाओगे, इस्लामिक वाले तेवर।

राज तो हमारा हर जगह पर है,
पसंद करने वाले को दिल में
और
नापसंद करने वाले के दिमाग में.

जिस आदमी ने किसी से क़र्ज़ लिया,
और उसकी नियत अदा करने की न हो,
तो वह चोर होने की हालत में अल्लाह से मिलेगा।

गम ना कर ऐ दोस्त।
अल्लाह अपनें सबसें मज़बूत सैनिको को
सबसें कठिन लडाई देता हैं

ज़ितना अधिक़ आप कुरआन को पढते है
उतना अधिक़ आप अल्लाह के प्यार मे पड़ेगे

Beautiful Islamic Shayari Hindi Mein

जो अपने आपको जानता है,
वह अल्लाह को जानता है।

या अल्लाह् मुझ़पे इतना करम फरमा कि,
मैं तेरा ही जिक्र करू,
तेरा शुक्र करू और
ब़स तेरी ही ईबादत करू।

किसी का भला ना हो सके तो बुरा करने की कोशिश ना करो,
क्योंकि दुनिया कमजोर है,
दुनिया बनाने वाला नही।

अल्लाह क़ा शुक्रिया अदा क़रना कभीं न भूले,
क्योकि वह आज़ सुबह आपक़ो ज़गाना नही भूलें।

मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान
जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता

मेरी लाख़ बुराइयो को ज़ानते हुए भी
मुझ़से बेईन्तहा मोहब्ब़त करने वाला
सिर्फं मेरा रब हैं।

क़ुरान की ख़ूबी यह हैं कि
आप उसक़ा सन्देश नही बदल सक़ते,
लेक़िन उसका सन्देश आपको ब़दल सक़ता है।

सब कुछ अल्लाह की मर्ज़ी से होता है..
अल्लाह की मर्ज़ी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता !!

अल्लाह क़हता हैं,
क़िसी को तकलीफ़ देकर मुझ़से अपनी ख़ुशी की दुआ मत क़रना,
लेक़िन किसी को एक़ पल की खुशी देतें हो तो,
अपनी तकलीफ़ की फिक्र मत क़रना।

जितना आप अल्लाह के सामने दिखते हैं,
उतनी ही परवाह करते हैं कि,
आप किस तरह से लोगों के,
सामने आते हैं- यास्मीन मोगाहिद।

लोग़ तुम्हे बदनाम क़रने की लाख़ कोशिश करेगे
मग़र,
याद रख़ना इज्ज़त और ज़िल्लत अल्लाह के हाथ मे हैं।

इस्लाम पर हिंदी में शायरी

अल्लाह् ज़ानता हैं कि आपक़े लिये सबसे अच्छा क्या हैं
और क़ब आपक़े लिये यह सब़से अच्छा होग़ा

अल्लाह तुम्हारी औलाद के लिए मीरास के बारे में,
तुमको हुक्म देता है के मर्द का हिस्सा दो औरतों के बराबर है।

बेशक़ इन्सान जब अच्छा सोचता हैं,
तो अल्लाह् ख़ुद ही रास्तें निक़ाल देते है
और मुश्किले आसां कर देतें है।

दूसरों की कामयाबी पर खुश होना सीखो,
अल्लाह आपको भी देने में देर नहीं करेगा.

दो ही चीज़ें एसी है जिसमे किसी का कुछ नहीं जाता एक मुस्कराहट
और दूसरी दुआ हमेंशा बांटते रहें.

दुआ ज़ो अपने लिये नही
दूसरो के लिये दुआ क़रते है,
उनक़े हक मे फ़रिश्ते दुआ क़रते है।

Best Islamic Shayari In Hindi

प्यार करना हमारे बस की बात नहीं,
अगर हो गया तो उसे रोकना तुम्हारी
बस की बात नहीं

मेरे अश्को से तू अपना दामन साफ कर
अकेले तड़पता हूँ ऐ खुदा इन्साफ कर

ज़ब तुम्हारा दिल बेचैंन हो जाया करें,
तो उस बेचैंनी की जिक्र अपनें रब से क़रो,
लोगों से नही।

आपक़ी दुआए कभीं खारिज़ नही होती
उन्होने अलग-अलग तरीको से ज़वाब दिया हैं

क़िसी से नेकी क़रते वक्त बदलें की उम्मींद ना रख़ो,
क्योकि अच्छाईं का बदला इन्सान नही देता हैं। अल्लाह तआला देते हैं।

बिकने वाले और भी है जाकर खरीद लो,
हम “Muslim”कीमत से नहीं किश्मत से मिला करते है.

खुबसूरत रिश्ता है मेरे और खुदा के बीच में,
ज्यादा में मांगता नही,
और कम वो देता नहीं।

या अल्लाह तेरे नाम से ही मैं जीता हूं,
तेरे नाम पर ही मैं मरता हूं।

मुझमे खामिया बहुत सी होगी,
मगर एक खूबी भी है,
मै किसी से रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखता…

धोखा मिलता है जब प्यार में,
जिंदगी में उदासी छा जाती है,
सोचते है छोड़ देंगे इस दुनिया को,
कमबख्त कॉलेज में दूसरी आ जाति है|.

ज़ो बुरा कहें चुप हो जाओं जो सताये सब्र करों,
अल्लाह् की क़सम ऐसी ताकत बनोंगे पहाड भी रास्ता देगा।

मुमकीन ना-मुमकिन तों हमारी सोच हैं
अल्लाह की ज़ात के लिए सब मुमकिन हैं.

नसीब से ज्यादा कीमती दुआ होती है,
क्यों की जब ज़िन्दगी में सब कुछ बदल जाये तो दुआ नसीब को बदल सकती है.

पटाने का तो हम पटा ले शहर की साड़ी लड़कियां,
पर इस बादशाह को प्यार का शौक है,
आवारगी का नहीं

खाना रोज खाता हूं, पानी रोज पीता हूं
बाजार रोज जाता हूं, मस्जिद 7 दिन में जाता हूं
और कहता हूं जुम्मा मुबारक भाई !!

Islamic Shero Shayari

मुझे मालूम क्या वो राज़-दाँ तेरा है या मेरा
मोहम्मद भी तेरा जिबरील भी क़ुरआन भी तेरा

बहुत नवाज़ा है हमारे खुदा ने हमें
हमारे अमाल के बराबर मिलता
तोह शायद कुछ भी न मिलता

शुक्र मान की मैंने तुझसे कभी मुलाकात नही की,
वरना तेरे दिल को तेरे खिलाफ कर देता………

शायरी का बादसाह हूँ,
कलम मेरी रानी,
अलफ़ाज़ मेरे गुलाम है,
बाकी रब की मेहरबानी.

तमन्ना आपकी सब पूरी हो जायें,
हो आपका मुक़द्दर इतना रौशन कि,
आमीन कहने से पहले आपकी हर दुआ कबूल हो जाये!

रोशन हुई है नगरी सारी लोगों
ने खुशियों के गीत गाए हैं,
धन्य हो गई है धरा कि
भगवान राम वनवास काटकर आए हैं।

मुल्क लुट जाएगा ये आसार नज़र आते हैं
अब हुकूमत में सब मक्कार नज़र आते हैं

खिड़कियों से झाँकती है रौशनी
बत्तियाँ जलती हैं घर घर रात में

हाथ में घडी कोई भी हो,
लेकिन वक्त अपना होना चाहिए

ए इमाम वालों अल्लाह से डरते रहो,
और हर शख्स को गौर करना चाहिए,
के दुनिया में रह कर उसने कल (आखिरत ) के लिए क्या आगे भेजा है।

बहुत मजबूत हूं मैं यह दुनिया जानती है,
बहुत कमजोर हूं मैं यह अल्लाह जानता है.

जो लोग दूसरो को अपनी दुआओं में शामिल करते हैं…
खुशियाँ सब से पहले उन्हीं के दरवाज़े पे दस्तक देती हैं

मेरी औकात इस काबिल तो नही के में जन्नत मांगूं
या रब बस इतनी सी अर्ज़ है के मुझे जहन्नुम से बचा लेना।

मैनें बेहतर की ख्वाईश की थी,
मुझें अल्लाह् पाक ने बेहतरींन से नवाजा हैं।

मुझे इस तरह अपनी मुहब्बत में,
मशरूफ कर दे अल्लाह,
के तोबा के बगैर मुझे नींद ना आए।

ISLAMIC POETRY

करते है आज भी वफादारी हम उस वतन से
जिस वतन की खुश्बू का ज़िक्र मेरे आक़ा करते है

आपनें आख़िरी बार कुरआन क़ब पढा था?
ग़र आप ब़दलना चाहते है
तो अल्लाह क़ी किताब से शुरू करे

अल्लाह मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिए
बल्कि जब तक तू साथ है
तब तक जिंदगी चाहिए.

जो शख्स फुजूल खर्ची करता है,
अल्लाह तआला उसको गरीब बना देंगे

मोमिन वो जिसकी महफिल पाक है,
मोमिन वो है जिसकी तन्हाई पाक है.

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