दुनिया में कई स्थान इतने प्रसिद्ध हैं कि उनके केवल कुछ अवशेष ही बचे हैं फिर भी वह चर्चा में बने हुए हैं, उन्ही मेसे एक हैं बर्लिन की दिवार। आइये जानते हैं कि बर्लिन की दीवार किसका प्रतीक है?
बर्लिन की दीवार किसका प्रतीक है?
बर्लिन की दीवार पश्चिमी बर्लिन और जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य के मध्य अवरोध की तरह थी, इसी दिवार ने बर्लिन शहर को पूर्वी और पश्चिमी दो टुकड़ों में बाट कर रहा था। 13 अगस्त 1961 से 9 नवम्बर, 1989 तक रही यह दीवार शीत युद्ध का प्रमुख प्रतीक थी। इस दीवार को बनाने का मुख्य कारण था कि व्यवसायी प्रतिदिन पूर्वी बर्लिन को छोड़कर पश्चिमी बर्लिन जा रहे थे उन्हें रोकना था, क्योकि इनके जाने के कारण पूर्वी बर्लिन को आर्थिक नुकसान हो रहा था, कई लोगों का कहना है कि कुछ लोग राजनैतिक कारणों से भी पूर्वी बर्लिन को छोड़ कर जाने लगे थे। आकड़ो के अनुसार 1949 और 1962 के बीच में जहाँ 25 लाख लोगों ने प्रवास किया था। इस दीवार को पश्चिम के लोगों के लिए यह समाजवादी अत्याचार का प्रतीक भी माना गया था, कई बार लोगों को इस दीवार को पार करते समय गोली मार दी गयी थी, इसीलिए कई लोग इस सुरंग को पार करने के लिए सुरंग, तेज स्पीड गाड़ी आदि का उपयोग करते थे।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!1980 के दशक में सोवियत आधिपत्य के पतन के बाद राजनैतिक उदारीकरण हुआ जिसे बाद नियमों में बदलाव किये गये और सरकार का पतन हुआ जिसके बाद 9 नवम्बर 1989 को घोषणा की गई कि सीमा पर आवागमन पर से रोक हटा दी गई है। जिसके बाद 9 नवंबर 1990 को जर्मनी फिर से एक हो गया और नये जीवन की शुरुआत हुई।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –