Bal Vivah Kis Lekhak Ki Rachna Hai

बाल विवाह किस लेखक की रचना है?

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By Shubham Jadhav

बाल विवाह एक गंभीर समस्या है जो अब सरकार के प्रयासों एवं शिक्षित समाज की वजह से कम होने लगी है। इस विषय पर कई लेख, नाटक, टीवी सीरियल आदि बनाये गए हैं। भारतेन्दु युग में भी इस पर एक नाटक लिखा गया जिसे “बाल विवाह” ही नाम दिया गया। आईये हम आपको बताते हैं कि भारतेन्दु युग का नाटक (Bal Vivah Kis Lekhak Ki Rachna Hai) – बाल विवाह किस लेखक की रचना है?

बाल विवाह के लेखक

बाल विवाह बालकृष्ण भट्ट की रचना है। भट्ट जी ने लगभग सभी विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये हैं जैसे धार्मिक, नैतिक, साहित्यिक, सामाजिक, राजनीतिक, दार्शनिक और सामयीक।

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बालकृष्ण भट्ट का संक्षिप्त जीवन परिचय

पंडित बालकृष्ण भट्ट का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयाग (आधुनिक : प्रयागराज) में 3 जून 1844 में हुआ था। इनके पिताश्री पंडित वेणी प्रसाद थे। बचपन से ही भट्ट की शिक्षा में अधिक रूचि थी। इन्हें घर पर ही 15-16 वर्ष की आयु तक संस्कृत की शिक्षा दी गयी। बाद में इन्हे इनकी माता के आदेशानुसार स्थानीय मिशन स्कूल में अंग्रेजी पढ़ने हेतु भेजा गया जहां बालकृष्ण ने दसवीं कक्षा तक अध्ययन किया। विद्यार्थी जीवन में इन्हें बाईबिल परीक्षा में कई बार पुरस्कार भी प्राप्त हुए। स्कूल छोड़ने के बाद इन्होने पुनः संस्कृत, व्याकरण और साहित्य का अध्ययन शुरू कर दिया।

बालकृष्ण भट्ट की कृतियां –

पंडित बालकृष्ण भट्ट की प्रमुख कृतियाँ अग्रलिखिति हैं –

  • निबन्ध संग्रह – साहित्य सुमन, भट्ट निबन्धावली।
  • उपन्यास – नूतन ब्रह्मचारी, सौ अजान एक सुजान।
  • नाटक – दमयंती स्वयंवर, बाल-विवाह, चंद्रसेन, रेल का विकट खेल।
  • अनुवाद – वेणीसंहार, मृच्छकटिक, पद्मावती।

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