बाल विवाह निषेध अधिनियम कब पारित किया गया?

बाल विवाह निषेध अधिनियम कब पारित किया गया?

No Comments

Photo of author

By Nitesh Harode

समाज के सुधार और बल उत्पीडन को कम करने के उद्देश्य से बाल विवाह निषेध अधिनियम पारित किया गया था। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि बाल विवाह निषेध अधिनियम कब पारित किया गया था एवं बाल विवाह से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारिया।

बाल विवाह निषेध अधिनियम का उद्देश्य

बाल विवाह का अर्थ है किसी भी लड़के या लड़की की बाल उम्र में शादी करना। यह प्रथा पुराने समय से चली आ रही है। बाल विवाह करने से केवल लड़की के जीवन पर ही नही अपितु लड़के तथा समाज पर भी बुरा असर पड़ता है। बाल विवाह करने से लड़के पर ज़िम्मेदारिया बढ जाती है जिससे की वह पढाई छोड़ने का निर्णय ले लेता है। लड़की की शादी बचपन में हो जाने से उसकी पढाई प्रभावित होना तो निश्चित है। बाल विवाह के कारण लड़की कम उम्र में ही गर्भवति हो जाती है जिस कारण प्रसव के दोरान उनकी मृत्यु की सम्भावना रहती है।

ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!

बाल विवाह के कारण जनसंख्या पर भी असर पड़ता है कम उम्र में शादी के कारण दम्पत्ति 2 से अधिक बच्चो की दर देखी गयी है। बाल विवाह के कारण लड़की कम उम्र में ही अपने माता पिता से दूर हो जाती है जिससे की उसे एक मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरना पड़ता है। शारीरिक सम्बन्ध के दोरान शारीरिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ता है। इन समस्याओ को ख़त्म करने के उद्देश्य से ही बाल विवाह निषेध अधिनियम पारित किया था।

बाल विवाह निषेध अधिनियम कब पारित किया गया?

बाल विवाह निषेध अधिनियम 1 नवंबर 2007 को पारित किया गया था ।इस अधिनियम में 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम उम्र की लड़की के विवाह को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। क्योकि  बाल विवाह से  बच्‍चों की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और संरक्षण पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है।

बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत सजा

इस अधिनियम के तहत  बाल विवाह कराने वाले इंसान तथा अनुष्ठान करने वाले इंसान को दो वर्ष की सजा एवं एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

अगर कोई पुरुष 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है और वह किसी 18 वर्ष से कम उम्र वाली लडकी से विवाह करता है तो भी अधिनियम के तहत ही कार्ववाही होती है। अगर कोई बाल विवाह को बढ़ावा देता है या उसका प्रचार प्रसार करता है तो यउसके खिलाफ भी कार्य वाही की जाती है।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

0Shares

Leave a Comment