एटीपी का पूरा नाम क्या है?

एटीपी क्या है? क्या है इसका महत्व

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By Nitesh Harode

यह विविध जीवाणुओं में पाया जाता है, जिनमें जीवाणु संरचना, और जीवाणु क्रियाओं के लिए ऊर्जा आवश्यक होती है। इसलिए ATP बायोलॉजिकल प्रक्रियाओ की जीवाणु यांत्रिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एटीपी का पूरा नाम क्या है?

ATP का पूरा नाम एडिनोसिन ट्राइफास्फेट है, जो जीवाणुओं और बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं की ऊर्जा मूलक यूनिट के रूप में काम करता है। यह एक उर्जा संचयक मोलेक्यूल है जो अपशिष्ट उर्जा को स्थानांतरित करता है।

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एटीपी एक न्यूक्लिक एसिड है, जिसमें तीन फॉस्फेट ग्रुप (ट्राइफास्फेट) और अडेनोसिन भाग मौजूद होता है। यह ग्लिकोलिसिस और सेलुलर श्वसन प्रक्रिया में प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। ATP को शरीर का “ऊर्जा मूल” भी कहा जाता है, क्योंकि यह उर्जा संचय करने, स्थानांतरित करने का काम करता है।

ATP का रचनात्मक प्रकार उर्जा धारक के रूप में कार्य करना है। जब आदिनोसिन ट्राइफॉस्फेट अपना तीसरा फास्फेट ग्रुप खो देता है, तो यह एडिनोसिन डाइफॉस्फेट (ADP) बन जाता है, जिसमें उर्जा संचयित होती है। यह प्रक्रिया अडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट प्रतिस्थापन प्रक्रिया के रूप में जानी जाती है और इसे ATP सिंथेसिस कहा जाता है।

ATP मोलेक्यूल अत्यंत ऊर्जावान होती है, जिसे जीवाणुओं और संयंत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाता है। एटीपी की उपस्थिति जीवाणु संचालन के लिए आवश्यक है, जहा यह विभिन्न क्रियाओं को संचालित करके ऊर्जा प्रदान करता है।

ATP का महत्व

  • यह उरीया का निर्माण करने के लिए आवश्यक है, जब प्रोटीनों के अपघटन के दौरान नाइट्रोजन को नष्ट किया जाता है।
  • ATP शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए उपयोगी होती है। यह सांस लेने, मांसपेशियों को संकुचित करने, और अन्य शारीरिक कार्यों के लिए उपयोगी होती है।
  • ATP जीवाणु संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। जीवाणुओं में एक संश्लेषित प्रक्रिया के दौरान ATP अपघटित होता है।
  • ATP संयंत्रीय विकास प्रक्रिया के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विकास के दौरान एक संयंत्र ऊर्जा की आवश्यकता होती है और ATP इस ऊर्जा की आपूर्ति में मदद करती है।
  • एटीपी एक अत्यंत महत्वपूर्ण उर्जा संचयनक के रूप में काम करता है। इसका उपयोग करके संयंत्रीय प्रक्रियाओं में ऊर्जा संचयित की जाती है, जो बाद में उपयोग के लिए स्थानांतरित की जाती है।
  • एटीपी का उपयोग शरीरिक गतिविधियों के लिए अनिवार्य होता है, जैसे कि यूरेसिस, इंधन प्राप्ति, संचालन प्रक्रियाओं का नियंत्रण, विकास, संचालन पथवेज, और अन्य संयंत्रीय कार्यों के लिए।

ATP का उत्पादन

ATP का उत्पादन विभिन्न बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं द्वारा होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं हैं जिनके द्वारा ATP उत्पन्न होता है – ग्लाइकोलिसिस एक अनायासी प्रक्रिया है जो ग्लूकोज को पाइरुविक अम्ल (pyruvic acid) में परिवर्तित करती है। इस प्रक्रिया में दो मोलेक्यूल पाइरुविक अम्ल उत्पन्न होती हैं, जिसमें एक ATP मोलेक्यूल उत्पन्न होती है। क्रिया संचारण के दौरान, अधिकांश ATP मोलेक्यूल प्रोटीन नामक यंत्रों के अपघटन के द्वारा उत्पन्न होती हैं। इस प्रक्रिया में उच्च-ऊर्जा बाधाओं का उपयोग किया जाता है, जो ATP मोलेक्यूल को उत्पन्न करने के लिए उपयोगी बनाते हैं।

शरीर में एटीपी कम होने पर क्या होता है?

एटीपी दुर्बल होने या नकारात्मक प्रभावों के कारण कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं –

  1. हृदयघात
  2. डायबिटीज
  3. मांसपेशियों की दुर्बलता

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