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कल्पलता किसकी रचना है?
कल्पलता हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचना है। ऐसा माना जाता है ही वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषा के विद्द्वान थे । इनकी अशोक के फूल, विचार और वितर्क और आलोक पर्व रचनाएँ भी काफी प्रसिद्ध है ।
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कल्पलता की विधा का प्रकार “निबंध” है। हजारीप्रसाद द्विवेदी बहुत बड़े हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय
इनका जन्म 19 अगस्त 1907 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती ज्योतिष्मती था वे दोनों ज्योतिष विद्या में निपूर्ण थे और बहुत प्रसिद्ध भी । द्विवेदी जी ने गाँव में ही अपनी पढाई की शुरवात की थी । फिर इन्होने 1927 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी। फिर वे शांति निकेतन में हिन्दी का अध्यापन प्रारम्भ करने चले गये थे । 1950 में द्विवेदी जी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अध्यक्ष बन चुके थे। 4 फरवरी 1979 में ब्रेन ट्यूमर के कारण उनकी मृत्यु हो गयी थी।
हजारी प्रसाद द्विवेदी की प्रमुख रचनाएँ
साहित्य सहचर (1965), कालिदास की लालित्य योजना (1965), सहज साधना (1963), अशोक के फूल (1948), मध्यकालीन धर्मसाधना (1952), नाखून क्यों बढ़ते हैैं, देवदारू, मेरी जन्मभूमि, सिक्ख गुरुओं का पुण्य स्मरण (1979), संक्षिप्त पृथ्वीराज रासो आदि ।
FAQs
कल्पलता हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचना है।
कल्पलता की विधा का प्रकार “निबंध” है।
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