स्वर्गीय पिता पर कविता

स्वर्गीय पिता पर कविताएँ : धूप में भी छांव बनकर हमारे साथ चलता है, अंधेरे भी जो उजाला बनकर साथ रहता है,

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By Nitesh Harode

पिता अपने बच्चो को कभी निराशा और असफल नहीं देख सकता है इसलिए वह खुद भी मेहनत करता है तथा बच्चो को भी सही राह दिखाता है। पिता के आशीर्वाद से ही हम सफल और खुश रह सकते हैं और पिता की छाया ही बच्चो को हजारो समस्याओ से बचाती है। हर किसी के जीवन में पिता एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और सम्मान के हक़दार होते हैं जो इतनी मेहनत कर घर चलाते हैं तथा परिवार का ध्यान रखते हैं। आगे का यह लेख उन लोगों के लिए हैं जो स्वर्गीय पिता पर कविता तलाश रहे हैं साथ ही आपको पापा की पुण्यतिथि पर कविता, मेरे प्यारे पापा कविता, मिस यू पापा स्टेटस इन हिंदी, Father Poem In Hindi, miss you papa quotes, Papa Ki Yaad Shayari मिल जाएंगी।

स्वर्गीय पिता पर कविता

धूप में भी छांव बनकर हमारे साथ चलता है,
अंधेरे भी जो उजाला बनकर साथ रहता है,
वो कोई और नहीं, बल्कि वो पिता कहलाता है !

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स्वर्गीय पिता के लिए अनमोल वचन
जिसने मुझे उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
आज उन्हीं ने हमेशा के लिए मेरा साथ छोड़ दिया !

आज महंगी कार की सवारी करने में भी वो मजा कहाँ,
जो मजा बचपन में पापा के कांधे पे बैठकर घूमने में आता था !

जब भी मैं गिरा आपने उठाया मुझको,
जब भी मैं रोया आपने हंसाया मुझको,
पर जब से आप मुझे छोड़ के गए पापा,
आपकी यादों ने बहुत रुलाया मुझको !

पिता के एहसान को कभी चुकाया नहीं जा सकता,
चाहे वो हमारे साथ हो या ना हो,
पर उनकी यादों को कभी भुलाया नहीं जा सकता !

पिता पर कविता

आप मेरे वजूद की पहचान हो,
आप मेरे चेहरे की मुस्कान हो,
पापा आप ही मेरा सारा जहान हो !

पिता पर कविता
पापा की पुण्यतिथि पर कविता
मेरी आँखों में आपकी यादों की नमी है,
जिंदगी चाहे कितनी भी अच्छी हो मेरी
लेकिन पापा इसमें आपकी ही कमी है !

पापा आप केवल मेरे पिता ही नहीं,
बल्कि मेरे सबसे अच्छे दोस्त भी थे,
आपको खोकर मुझे एहसास हुआ कि
मैंने एक पिता ही नहीं, दोस्त को भी खो दिया !

आपने ही मुझे असल में जिंदगी जीना सिखाया,
आपने ही मुझे गम में भी मुस्कुराना सिखाया,
आपने ही हर किसी को अपना बनाना सिखाया,
पर जब से आप मुझे छोड़कर गए है पापा,
आपकी कमी ने मुझे जिंदगी में सबसे ज्यादा रुलाया !

मिस यू पापा स्टेटस इन हिंदी

बहुत ख़ुशनसीब होते है जिनके सिर पे पिता का हाथ होता है,
हर ख्वाहिश पूरी हो जाती है जब हमारे पिता का साथ होता है !

एक दोस्त की कमी को दूसरा दोस्त पूरा कर सकता है,
पर एक पिता की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता !

बहुत ख़ुशनसीब होते है वो जिनके साथ उनके पापा होते है,
उनसे अमीर और कोई नहीं जिनके पास उनके पापा होते है !

आप के कमी खलती है मुझे
ये खालीपन तड़पता है मुझे
बस यु ही यादे दिल मे समेटे
वक़्त गुज़र जाता है

स्वर्गीय पिता पर कविता

अब पता चलता है कि
ज़िम्मेदारी का बोज कितना भरी है
खुद से ज्यादा
अपनों कि खुशिया प्यारी है
दौड़ने पड़ते है कदम
पकड़ने को ज़िंदगी कि रफ़्तार
आज गुज़र रहा है और
कल कि तैयारी है

आप कि मुश्किलों का
मुझे अब एहसास होता है
दुनिया होती है मतलबी और
घर का हर एक शक्श ख़ास होता है
माँ कि बाद पिता ही
समझता है ख़ामोशी औलाद कि
मुश्किलों से बचाने कि लिए
पिता हिम्मत कि दिवार होता है

papa ke liye shayari
Hindi Poem on Father
बदल गयी है अब तासीर, तासीरी जिन्दगी की…
तुम क्या गये आंखो में मन्जरे मातम दे गये…
miss You dad

मेरे प्यारे पापा कविता

एक अजीब सा सन्नाटा है आज कल मेरे घर में…
घर की दरो दिवार को उदासी पेहाम दे गये…

मुझे मेरे पापा की सूरत याद आती है…
वो तो ना रहे अपनी यादों का सितम दे गये…

हर डाट मे प्यार जो रहता था
वो याद बहुत अब आता है
हर बिता लम्हा अब तो बस
आँखों मे आंसू लता है
तस्वीर बसी है दिल मे जो
जीने का हौसला देती है
इसी तरह से बस अब तो
ये वक़्त गुज़र जाता है

स्वर्गीय पिता पर कविता

ढूंढती है निंगाह पर अब वो कही नहीं…
अपने होने का वो मुझे कैसा भ्रम दे गये…

एक उदासी सी हम को अक्सर चीर जाती है,
तिलमिलाती सी धूप में, आपकी छाव नजर आती है।
सब छूटते चले गए, बस छूटते नहीं आप,
कितना कुछ हो गया, पर टूटे नहीं मेरे ख्वाब।

आपके बिना मैं अधूरा होता हूँ,
पापा आपको खोकर यह जान लिया,
कि आपके होने से ही मैं पूरा होता हूँ !

पापा जब भी आपकी यादें आती है,
अक्सर मेरी आँखे नम हो जाती है !

भले ही आज आप हमारे बीच नहीं हो पापा,
लेकिन हमारे दिलों में आप सदा ज़िंदा रहोंगे !

पापा की पुण्यतिथि पर कविता

आपके होने पर भी मैं आपके बिना रह नहीं पता था,
अब आपको खोने के बाद मैं आपके बिना कैसे रहूँ पापा !

हम तन्हा नहीं नाखुश भी नहीं,
फिर भी अक्सर दिख जाते हो आप हर कही,
हर खामोश शख्स की शक्ल में, उनके नाम में,
आप ही नज़र आते है हम को क्यों हर कही।

कभी जिनकी उंगली पकड़ कर सीखा था चलना,
मुस्कुराएं थे पहली बार जिनके साथ हम,
हर मंजर खूबसूरत नज़र आता था तब,
ज़िंदा ज़िंदा से घूमते थे दिन रात हम।

miss you papa quotes
miss you papa quotes
छूटा क्यों उनके हाथों से हाथ हमारा,
अधूरा सा रह गया वो साथ हमारा,
एक पल की खामोशी में भी कभी यूं ही,
अक्सर चला आता है ख्याल तुम्हारा।

बचपन बीता,बीत रही जवानी,
आप गुजर गए, गुजरी नहीं कहानी,
जब तक जीवित हूँ प्राण लिए धरती पर,
हमेशा कहलाऊंगी मैं,आपकी ही निशानी।

आप अच्छाई का प्रतिक हो,
न होकर भी दिल के करीब हो,
पापा आपके न होने से फर्क पड़ता है,
आप ही तो मेरे लिए सबसे खास हो।

स्वर्गीय पिता पर कविता

Pitaji ki Yaad me Shayari

वैसे तो सारे गम इस दुनिया के मैं हंस कर यूं ही ढो लेता हूं,
पर याद आपकी जब भी आती है मैं तन्हाई में रो देता हूं।

पिता का प्यार मेरे साथ है,
न होकर भी पिता मेरे पास है,
आपके होने का मुझे एहसास है,
तभी तो जिंदगी खुशहाल है।

पिता की याद आती है,
अक्सर मुझे रुलाती है,
उनकी कुछ कहीं बातें,
चेहरे पर मुस्कान लाती हैं।

कभी-कभी अकेले बैठकर आपको याद करता हूं,
आपसे फिर मिलने के लिए खुदा से फरियाद करता हूं,
जिस जगह छोड़कर गए हो आप,
मैं उसी जगह पर अक्सर आपका इंतजार करता हूं।

स्वर्गीय पिता पर कविता

अपने जज्बात को छुपाता हूं,
दुख है आपके जाने का बहुत,
पर मैं किसी को नहीं बताता हूं।

यादों की बारात आती है,
जब रात आती है,
फिर आंखों में मेरी,
आंसू ले आती है।

स्वर्गीय पिता पर कविता
आपने जीवन का जरूरी ज्ञान दिया,
हमेशा मेरे फैसलों का सम्मान किया,
कभी मुसीबत में अकेला नहीं छोड़ा,
जीवन के हर मोड़ पर मेरा साथ दिया,
फिर क्यों अब हमेशा के लिए हाथ छुड़ा लिया।

मुझे अपना कहने वाला कोई रहा नहीं,
अब और जीने की मुझे चाह नहीं,
पापा आप मुझसे हमेशा के लिए दूर हो गए,
अब किसी और के पास रहने की चाह नहीं।

Papa Ki Yaad Shayari

आपके जैसा कोई प्यार नहीं करता,
आपके जैसा मेरे लिए कोई नहीं लड़ता,
अब आप नहीं हो मेरे पास,
इसलिए अक्सर मेरा जी है डरता।

काम करने का मन नहीं करता,
किसी भी काम में मन नहीं लगता,
जब से आप दूर गए हो पापा,
तब से जीना आसान नहीं लगता।

पापा मेरी यादों में हमेशा रहोगे आप,
हमेशा हमें खुश रखते थे आप,
जब से छोड़कर गए हो हमें,
ये जीवन लगने लगा है श्राप।

स्वर्गीय पिता पर कविता

उनकी डांट में भी प्यार था,
वो मेरा जिगरी यार था,
यूं छोड़कर चले गए पापा
आपसे ही तो सपना साकार था।

मेरी सफलता आपकी वजह से है,
मेरी कामयाबी आपकी वजह से है,
मेरी इस कामयाबी का क्या मतलब,
जब आप मेरे जीवन में नहीं हैं।

पापा ये जिंदगी बस चल रही है,
आपकी कमी मुझे खल रही है,
आपके जाने के बाद पापा,
मेरी आंखें सिर्फ नम हो रही हैं।

स्वर्गीय पिता पर कविता
स्वर्गीय पिता पर कविता
इतनी जल्दी चले जाओगे ये सोचा नहीं था,
आपसे दूर होने के लिए मैं तैयार नहीं था,
आपकी बातें मुझे अब जीवन का ज्ञान देती हैं,
मुझे माफ करना तब मैं आपकी बातें नहीं सुनता था।

आपके साथ खुलकर हंसता था,
मैं अपने मन की करता था,
कभी-कभी आपसे लड़ता था,
पर पापा मैं आपकी परवाह करता था।

हर मंजिल अधूरी है आपके बिना,
ये जीवन अधूरा है आपके बिना,
आप थे तब सब आसान लगता था,
अब जीना भी मुश्किल है आपके बिना।

Hindi Poem on Father

अब तो ये दुनिया सूनी-सूनी सी लगती है,
आपके जाने के बाद अब तो तन्हाई डसती है,
निकल आते हैं आंसू और थम जाता है वक्त,
आप नहीं हैं लेकिन आपकी परछाई दिखती है।

आपके साथ बिताए हर दिन हसीन थे,
भले ही कम थे, लेकिन खुशियों के दिन थे,
कोई भी हो स्थिति आप मेरे साथ खड़े थे,
मेरे लिए पापा तो कई लोगों से लडे़ थे।

आपकी तस्वीर को देखते रहता हूं,
आपको जल्दी क्यों ले गए,
ये मैं भगवान से कहता रहता हूं।

आपकी डांट में प्यार था,
मैं उस बात से अनजान था,
जब आपकी डांट का मतलब समझा,
तब न आप मेरे और न मैं आपके पास था।

स्वर्गीय पिता पर कविता

अब मैं काफी बदल गया हूं,
आपके जाने से सहम गया हूं,
अब अकेले में डर लगता है मुझे
मैं पहले जैसा नहीं रहा हूं।

आपका एहसान कभी चूका नहीं सकता,
आपका सिर कभी झुका नहीं सकता,
जितना आप मेरे लिए कर गए हो पापा,
कोई उतना किसी के लिए कर नहीं सकता।

इस दुनिया में कोई नहीं रहा अपना,
अब अधूरा हो गया है मेरा हर सपना,
सब आपसे ही था पापा,
अब मेरा कुछ भी नहीं रहा जो है मेरा अपना।

आपके न होने से बहुत फर्क पड़ता है,
हर दिन मेरा दुख में कटता है,
नहीं रोना चाहता हूं मैं भी अब,
पर आपकी याद में आंसू गिर ही जाता है।

आप से ही हर खुशी है,
आप से ही ये जिंदगी है,
अब आप नहीं हो,
तो कुछ अच्छा नहीं लगता,
आपसे ही तो मेरी खुशी है।

मैं सारी जिंदगी आपके दिखाए रास्ते पर चलूंगा,
अपने इस जीवन में कभी गलत काम नहीं करूंगा,
जब तक जिंदा रहूंगा मैं, तब तक आपको याद करूंगा।

पापा ने कंधे पर बैठाकर घुमाया,
उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
आपके जाने के बाद मुझे,
आपकी यादों ने हरदम सताया।

घर अब वीरान हो गया है,
अपने अब अनजान हो गए हैं,
जब से पापा छोड़ गए हैं,
तब से हर काम रुक गया है।

भीड़ में खो जाता हूं,
आपकी याद में रो देता हूं,
छोड़कर चले गए आप,
पर आपको मैं साथ देखता हूं।

Miss U Papa Poems in Hindi
पापा छोड़कर चले गए, फिर भी लगता है कि वो साथ है,
मुझे अब भी लगता है कि मेरे सिर पर उनका हाथ है।

पापा आपने कभी कोई गम न होने दिया,
अपना सब कुछ मेरे नाम किया,
मुझे यूं छोड़कर चले गए हो आप ,
जिस पर मैंने कभी यकीन नहीं किया।

समय चला गया, छोड़ गई परछाई,
पापा के बाद सिर्फ रह गई तन्हाई,
आ जाते हैं अक्सर आंखों में आंसू,
जब याद आती है हमारी छोटी-छोटी लड़ाई।

एक कलाकार पत्थर को मार-मार कर भगवान बनाता है,
पापा अब मुझे आपके डांटने का मतलब समझ आता है।

Father Poem In Hindi

मेरे पिता का कर्ज है मेरे ऊपर,
कांपते हाथों से मेरी तकदीर बना दी थी,
कैसे चुकाऊंगा उनका एहसान जीवन में,
मेरे भविष्य की सुंदर तस्वीर बना दी थी।

पापा आपके बिना ये दुनिया वीरान लगती है,
जहां भी जाऊं वो जगह मुझे श्मशान लगती है,
आप मेरी पूरी दुनिया थे पापा,
आपके बिना मुझे सारी दुनिया बेगानी लगती है।

मेरे दिल के अरमान दिल में ही रह गए,
आपकी याद में आज फिर आंसू बह गए।

ये जीवन आपका है पापा
आपके ही गुण गाऊंगा,
अपने जो मेरे किया है
वो मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा।

धन दौलत से बढ़कर ज्ञान दिया,
मुझपर बचपन से ध्यान दिया,
अंतिम समय में भी पापा ने मेरा ही नाम लिया।

आपसे परिवार पूरा होता था,
आपके बिना परिवार अधूरा है,
आपसे ही मेरा दिन शुरू होता था,
आपके बिना मेरा दिन अधूरा है।

स्वर्गीय पिता पर कविता

मैं आपके नाम से जाना जाता हूं,
आपके नाम से पहचाना जाता हूं,
आप नहीं हो मेरे साथ में पापा,
पर जीवन भर आपका बेटा कहलाना चाहता हूं।

बाबा आपका प्यार सबसे अलग था,
आपके साथ होने का एहसास सबसे अलग था।

आपके संस्कार को आगे बढ़ाना है,
पापा अपने जो सिखाया है,
वो अपने बच्चों को सिखाना है,
मुझे भी एक दिन आपके पास आना है।

आपकी बातें मुझे राह दिखाती है,
सही गलत का मतलब बताती है,
जब मैं कुछ गलत करने का सोचता हूं
तब मुझे वो बातें सही राह में लाती है।

बचपन में गोदी में खिलाया,
सीने में सिर रखकर सुलाया,
आपके जाने के बाद हर दिन,
आपकी यादों ने मुझे रुलाया।

आपकी याद में ही दिन बीतता है,
आपसे ही तो दिन शुरू होता है,
जब आपकी याद सताने लगती है,
तब मेरी ये आंखें जी भरकर रोती हैं।

मेरे पापा की हंसी सबसे प्यारी थी,
मेरे और पापा के बीच अच्छी यारी थी।

पापा आपको कंधे पर उठाकर रोया,
आपके जाने पर पूरी रात नहीं सोया,
आपके साथ बिताया लम्हा याद आ रहा था,
उन यादों को मैंने अच्छे से है संजोया।

स्वर्गीय पिता पर कविता

जीवन में रास्ता दिखाया आपने,
मुश्किल से लड़ना सिखाया आपने,
बिगड़ा हुआ था मैं बहुत पापा,
एक अच्छा इंसान बनाया आपने।

अब दिन बिताना मुश्किल हो गया है,
पापा आपके बिना रहा नहीं जाता है,
आपकी कमी हर पल सताती है
आपके बिना कुछ भी नहीं भाता है।

Miss U Papa Poems in Hindi

आपकी हर बात मुझे अच्छे से याद है,
आपके साथ बिताया हर साथ मुझे याद है,
उन यादों के जरिए ही आप मेरे पास हैं।

अब हर पल तनहा रहता हूं मैं,
पापा के याद में खोया रहता हूं मैं,
जब उनकी यादें हद से ज्यादा सताती है
तब अकेले बैठकर रोते रहता हूं मैं।

मेरी आंसू से ज्यादा कीमती पापा की याद है,
उनकी यादें ही तो मेरी असली जायदात है।

अगले जन्म फिर अपना बच्चा बनाना,
अगली बार साथ मेरा पूरी उम्र निभाना,
अभी अकेला छोड़कर चले गए हो आप,
अगले जन्म में जल्दी छोड़कर न जाना।

आप समय से पहले छोड़ गए,
हमेशा के लिए मुंह मोड़ गए,
जाते-जाते हमारी आंखों में,
जिंदगी भर के लिए आंसू दे गए।

आप धूप में मेरे छांव थे,
डूबते दरिया में मेरी नाव थे,
जहां हर कोई खुश रह सके,
आप ऐसे ही सबके गांव थे।

हर दुःख हर दर्द को वो
हंस कर झेल जाता है,
बच्चों पर मुसीबत आती है
तो पिता मौत से भी खेल जाता है।

स्वर्गीय पिता पर कविता

कैसे चुकाऊंगा कर्ज उस पिता का इस जन्म में
जिनके बूढ़े हाथों ने मेरी तकदीर बनायी थी,
अपने जीवन के सारे रंग छोड़
मेरे भविष्य की सुनहरी तस्वीर बनायीं थी।

जलती धूप में वो आरामदायक छाँव है
मेलों में कंधे पर लेकर चलने वाला पाँव है,
मिलती है जिंदगी में हर ख़ुशी उसके होने से
कभी भी उल्टा नहीं पड़ता ‘पिता’ वो दांव है।

न मजबूरियाँ रोक सकीं
न मुसीबतें ही रोक सकीं,
आ गया ‘पिता’ जो बच्चों ने याद किया,
उसे तो मीलों की दूरी भी न रोक सकी।

बिन पिता के तो ये सारा जहान वीरान लगता है
ये जग भी चलते फिरते लोगों का श्मशान लगता है,
जब तक रहता है संग किसी चीज की जरूरत नहीं होती
दूर हो जाता है तो बेगाना ये सारा जहान लगता है।

ये वादा है कि जब तक जी रहा हूँ
आपके दिये संस्कारों पर चलना मेरा काम रहेगा,
हाँ मानता हूँ जिन्दगी में आपका साथ नहीं
मगर मरते दम तक मेरे नाम के साथ आपका नाम रहेगा।

गिर-गिर कर आगे बढ़ता था जब मैं बचपन में
ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया
और पढ़ा लिखा कर बड़ा किया,
याद है मुझे आपने अपनी कई ख्वाहिशें भुला कर
मेरी हर जरूरत को पूरा कर मुझे
मेरे पैरों पर खड़ा किया।

हाँ मैं खुश था उस बचपन में
जब आपके कंधे पर बैठा था,
मगर बहुत रोया था जब
मेरे कंधे पर आप थे।

जब भी कमी खलती है आपकी
आपकी यादों से मुलाकातें कर लेता हूँ,
अब आपसे मिलना मुमकिन कहाँ
इसलिए आपकी तस्वीर से बातें कर लेता हूँ।

कभी डर लगता था आपकी डांट से
आज आपकी ख़ामोशी मुझे सताती है,
मुझे मालूम है कि अब आप नहीं आने वाले
फिर भी आपकी यादें अक्सर मुझे रुलाती हैं।

पिताजी की पुण्यतिथि
जिन्दगी के अंधेरों में वो जलती मशाल थे,
मुसीबतों से बचने को वो परिवार की ढाल थे,
कहाँ जी पाये थे वो अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से
पिता हमारे कोई आम शख्स नहीं त्याग की एक मिसाल थे।

सख्त सी आवाज में कहीं प्यार छिपा सा रहता है
उसकी रगों में हिम्मत का एक दरिया सा बहता है,
कितनी भी परेशानियां और मुसीबतें पड़ती हों उस पर
हंसा कर झेल जाता है ‘पिता’ किसी से कुछ न कहता है।

हर पल अहसास होता है
आप यहाँ ही हों जैसे,
काश ये हो जाये मुमकिन
मगर ये मुमकिन हो कैसे?

पिता को श्रद्धांजलि कविता
बेमतलब सी इस दुनिया में
वो ही हमारी शान है,
किसी शख्स के वजूद की
‘पिता’ ही पहली पहचान है।

एक पिता की अहमियत क्या है
इसका जवाब वक़्त मेरे सामने लाया है,
किन हालातों से गुजरे होंगे
मुझे पालने के लिए आप
ये मुझे खुद
पिता बन कर समझ आया है।

न रात दिखाई देती है
न दिन दिखाई देते हैं,
‘पिता’ को तो बस परिवार के
हालात दिखाई देते हैं।

वक़्त बीत गया लेकिन रह गयी हैं वक़्त की परछाईं
आपके जाने के बाद कुछ बची है तो बस तन्हाई
निकल पड़ते हैं आँख से आँसू और दिल बैठ जाता है
जब भी याद आती है बातें जो आपने थी बताई।

कब का बर्बाद हो गया होता मैं
इस मतलबी दुनिया में,
सफल होने में काम आये
सबक जो पिता ने पढ़ाये थे।

बिना उसके न इक पल भी गंवारा है,
पिता ही साथी है, पिता ही सहारा है।

चट्टानों सी हिम्मत और
जज्बातों का तुफान लिए चलता है,
पूरा करने की जिद से ‘पिता’
दिल में बच्चों के अरमान लिए चलता है।

सुधार लूँ मैं गुस्ताखियाँ जिन्दगी की
अब गलती करने पर मुझे कहाँ कोई डांटता है,
अकेले ही जूझता हूँ अब मैं जिन्दगी से
आपकी तरह मेरे दर्द कहाँ कोई बांटता है।

बिता देता है एक उम्र
औलाद की हर आरजू पूरी करने में,
उसी ‘पिता’ के कई सपने
बुढापे में लावारिस हो जाते हैं।

उसकी रातें भी जग कर कट जाती हैं
परिवार के सपनों के लिए,
कितना भी हो ‘पिता’ मजबूर ही सही
पर हमारी जिंदगी में इक ठाठ लिए रहता है।

किसी चीज की कमी न थी
आप थे तो दुनिया कितनी प्यारी थी
आज परिवार की जरूरतों में जिन्दगी कट रही है
तो अहसास होता है
आपके कन्धों पर जिम्मेवारी कितनी भारी थी।

परिवार के चेहरे पे ये जो मुस्कान हंसती है,
‘पिता’ ही है जिसमें सबकी जान बस्ती है।

कमर झुक जाती है बुढापे में उसकी
सारी जवानी जिम्मेवारियों का बोझ ढोकर,
खुशियों की ईमारत खड़ी कर देता है ‘पिता’
अपने लिए बुने हुए सपनों को खो कर।

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