चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण के नाम

चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण के नाम

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By Nitesh Harode

इस लेख में आप जानेंगे की चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण के नाम क्या है?

चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण के नाम क्या है?

वेद पुराण एक पवित्र और प्राचीन भारतीय साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां तक कि वेद और पुराण धार्मिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान के मूल स्रोत माने जाते हैं। पुराण भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण अंग हैं। इनमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर जैसे देवताओं की कथाएं, युगों के वृत्तांत, लोकगीत, उपासनाओं का वर्णन, धर्म, तत्त्वज्ञान और सामाजिक मार्गदर्शन शामिल होते है।

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वेद धर्म के प्रमुख स्रोत हैं, जिन्हें हिंदू धर्म की पवित्र ग्रंथों के रूप में मान्यता प्राप्त है। वेद चार होते हैं – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। इन वेदों में मन्त्र, उपासना, यज्ञ, रसायन, आयुर्वेद, ज्योतिष, ग्रामिका, संगीत, काव्य, गृह्यसूत्र आदि विषयों का विस्तृत वर्णन होता है।

शास्त्र कई विषयों पर विस्तृत ज्ञान प्रदान करने वाले प्राचीन ग्रंथ हैं। इनमें न्याय, योग, सांख्य, वैशेषिक, मीमांसा और वेदान्त शास्त्र आदि शामिल होते हैं।

पुराण भारतीय साहित्य के प्रमुख अंग हैं और इनमें अनेक कथाएं, लोकगीत, उपासनाओं का वर्णन, धर्म, तत्त्वज्ञान, देवी-देवताओं की कथाएं, युगों की वृत्तांत आदि प्रस्तुत होते हैं। पुराणों की कुल संख्या 18 है, जिनमें ब्रह्मपुराण, पद्मपुराण, विष्णुपुराण, शिवपुराण, भागवतपुराण, नारदपुराण, मार्कण्डेयपुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण, ब्रह्मवैवर्तपुराण, लिंगपुराण, वायुपुराण, मत्स्यपुराण, कूर्मपुराण, गरुड़पुराण, ब्रह्माण्डपुराण, वराहपुराण, शान्तिपुराण शामिल हैं।

वेदों, शास्त्रों और पुराणों से मानव जाति को धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक मार्गदर्शन प्राप्त होता है।

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