शिक्षा शास्त्र किसे कहते हैं

शिक्षा शास्त्र किसे कहते हैं, अर्थ एवं परिभाषा

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By Nitesh Harode

आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि शिक्षा शास्त्र किसे कहते हैं, अर्थ एवं परिभाषा क्या है?

शिक्षा शास्त्र किसे कहते हैं?

शिक्षण सम्बन्धित कार्य की प्रक्रिया से जुड़े सारे अध्ययन शिक्षाशास्त्र या शिक्षणशास्त्र (Pedagogy) कहलाते हैं। इन अध्ययनों में नीतियों को समझा जाता है तथा उनकी शैली का अध्ययन भी किया जाता है। जो व्यक्ति शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है उसकी इच्छा होती है कि वह सामने वाले को आसानी से तथा अच्छी भाषा में सब कुछ समझा सके।

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शिक्षा देने के लिए एक कौशल की जरूरत होती है जिनमे प्रश्न पूछना, व्याख्यान देना, उदाहरण देना। जो शिक्षा को और अनुकूल बनाती है तथा सिखने वाले को सहायता देती है।

मानव ऐसा प्राणी है जो पुरे जीवन भर सीखता है इसीलिए शिक्षा को एक सजीव गतिशील प्रक्रिया कहा गया है। किसी भी प्रकार की शिक्षा में एक लक्ष्य जरुर होता है तथा शिक्षा एक ऐसा चक्र है जो हमेशा ही गतिशील रहता है। शिक्षण के कई तरह के सिद्धांत होते हैं जैसे जीवन से सम्बद्धता का सिद्धान्त, क्रिया द्वारा सीखने का सिद्धान्त, हेतु प्रयोजन का सिद्धान्त, विभाजन का सिद्धान्त, चुनाव का सिद्धान्त, पुनरावृत्ति का सिद्धान्त।

अर्थ एवं परिभाषा

शिक्षा शास्त्र वह प्रक्रिया है जिसमे शिक्षण-कार्य का विधिवत अध्ययन होता है इसे ही शिक्षाशास्त्र या शिक्षणशास्त्र (Pedagogy) कहते है। शिक्षा शास्त्र में अध्यापन की शैली या नीतियों का अध्ययन किया जाता है।

टी० रेमन्ट के अनुसार “शिक्षा विकास का वह क्रम है, जिससे मनुष्य अपने आपको आवश्यकतानुसार भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक वातावरण के अनुकूल बना लेता है।

एडीसन के अनुसार “शिक्षा वह क्रिया है, जिसके द्वारा मनुष्य में निहित शक्तियों का दिग्दर्शन होता है, जिसका ऐसा होना शिक्षा के बिना असम्भव है।”

FAQs

शिक्षाशास्त्र की विशेषताएं क्या हैं?

शिक्षक और शिक्षार्थी के बीच एक अंतःक्रिया होती है, जिसका एकमात्र ध्यान एक विशिष्ट लक्ष्य की प्राप्ति पर होता है। शिक्षाशास्त्र के माध्यम से शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों एक-दूसरे के व्यक्तित्व से लगातार लाभान्वित होते हैं और प्रभावित होते हैं।

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