मजेदार स्टोरी इन हिंदी

मजेदार स्टोरी इन हिंदी, जिन्हें पढ़कर आपको आनंद आ जायेगा!

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By Nitesh Harode

कहानियां पढ़ना बहुत से लोगों को पसंद होता है। अक्सर लोग ऐसी किताबों की तलाश में रहते हैं जिनमें अच्छी कहानियां होती हैं। कहानियां कई तरह की होती हैं जैसे मजेदार, प्रेरणादायक, साधारित। हर कोई अपनी रुचि के आधार पर इन कहानियों को चुनता है। आज के इस लेख में हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसी मजेदार कहानियां जिन्हें पढ़कर आपको आनंद आएगा।

मजेदार स्टोरी इन हिंदी (Majedar Story in Hindi)

चतुर खरगोश

एक बार की बात है, जंगल का एक शेर जो राजा था, वह बहुत ही शक्तिशाली था। वह एक दिन में कई जानवरों का शिकार कर उन्हें खा जाता था। जंगल के अन्य सभी जानवर उससे डरते थे और उन्हें इस बात की चिंता थी कि वे जल्दी ही खत्म हो जाएंगे क्योंकि शेर बड़े पैमाने पर जानवरों को मार रहा था। एक दिन सभी जानवर एकत्र होकर मिले और शेर से जानवरों के शिकार बंद करने की विनती करने का निर्णय किया, और वे खुद ही उसे हर दिन एक जानवर मुहैया कराएंगे यह तय किया। शेर ने उनकी बात मानी।

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खरगोश रोज़ एक जानवर को शेर के खाने के लिए भेजने लगा, एक दिन शेर को खाने की बारी खरगोश की आई। पर खरगोश बहुत ही चतुर था, उसने शेर की गुफा में जाने में काफी देर कर दी, और वह दिन की बजाय रात को शेर की गुफा में पहुंचा।

शेर ने उसे देखकर बहुत ही गुस्सा किया, शेर ने गुस्से में उस खरगोश से कहा कि उसे दिनभर से भूख लग रही है और तुमने इतना छोटा खरगोश भेजा है, इससे मेरा क्या होगा। तभी खरगोश ने कहा, “महाराज, हम आए तो हमें रास्ते में एक दूसरा शेर मिला, और उसने 5 खरगोशों का शिकार कर लिया। मैंने उससे कहा कि हम इस जंगल के राजा के शिकार हैं, तो उसने कहा कि आज से यहां का राजा मैं हूँ।” इसे सुनकर शेर और भी गुस्सा हो गया और उसने खरगोश से कहा कि वह उसे उस शेर से मिलाने में मदद करे, तब खरगोश ने शेर को एक तालाब के पास ले गया और कहा कि वह दूसरा शेर इसके अंदर है, जब शेर ने पानी में देखा तो उसने अपनी ही परछाई को दुसरा शेर समझ कर उस पर कूद गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इस तरह चतुर खरगोश ने अपने साथी जानवरों की भी जान की रक्षा कर ली।

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चतुर खरगोश की कहानी

चालाक मछली

एक बार एक तालाब में तीन मछलियाँ थीं। वे मित्र थीं, जिनमें पहली मछली बहुत बलवान थी, दूसरी मछली बहुत ही बुद्धिमान थी तथा तीसरी मछली भाग्य में विश्वास करती थी और बहुत आलसी थी और हमेशा कहती थी, “जो होगा देखा जाएगा।” एक दिन पहली मछली ने एक मछुआरे को दूसरों से कहते सुना, “झील अच्छी मछलियों से भरी है, चलो कल मछली पकड़ने चलें।” यह सुनकर मछली अपने मित्रों के पास दौड़ी और जो कुछ उसने सुना था, उन्हें बताया।

बुद्धिमान मछली ने कहा कि हमें नहर के माध्यम से झील को छोड़ देना चाहिए। पर आलसी मछली ने कहा कि “जो होगा देखा जाएगा” तथा पहली और बलवान मछली ने कहा कि उसे आने दो, वह मुझसे डर कर खुद ही भाग जाएगा। और इन दोनों मछलियों ने उस समझदार मछली को भी नदी से नहीं जाने दिया। अगले दिन जब उस मछुआरे ने जाल डाला, तो दुर्भाग्य से तीनों मछलियाँ उसमें फंस गईं। जाल में फंसने के बाद बुद्धिमान मछली ने मरने का नाटक किया तथा बाकी दोनों मछलियों को कुछ समझ नहीं आया, मछुआरे ने उस बुद्धिमान मछली को मरा हुआ समझकर यह सोचा कि हो सकता है यह मछली कई दिनों से मृत है जिस कारण इसे खाना सही नहीं रहेगा, और उसने उस मछली को वापस पानी में डाल दिया तथा बाकी की दो मछलियों को घर ले गया और उन्हें मार कर खा गया। बुद्धिमान मछली ने अपनी चालाकी से बच कर उस नदी को छोड़ कर चली गई।

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चालाक मछली की कहानी

कॉलेज के दोस्त

यह बहुत ही मजेदार कहानी है। कॉलेज के चार दोस्त बहुत गहरे दोस्त थे। एक रात इन चारों ने पार्टी के लिए निकला और पूरी रात मस्ती की। अगले दिन उनका टेस्ट था, पर इन्होंने तैयारी की ही नहीं थी। उन्हें टेस्ट से कैसे बचा जाए, इस पर विचार करते हुए, सभी ने मिलकर एक योजना बनाई। वे परीक्षा के अंत समय में ही कॉलेज पहुचने का विचार करते हैं।

अगले दिन, वे खराब कपड़ों में कॉलेज पहुंचे और अध्यापक से कहा कि रात को उनके मित्र की शादी में गए थे, पर रास्ते में उनकी कार का टायर फट गया था और रात भी थी, लेकिन किसी भी जगह टायर की दुकान नहीं मिली। इसलिए, उन्होंने रात भर चारों ने मिलकर टायर ठीक किया और सुबह टायर की दुकान ढूंढी और फिर सीधे कॉलेज आ रहे हैं। इसलिए, उन्होंने लेट हो गए थे और अब कृपया हमें फैल न करें।

अध्यापक ने कहा, “कोई बात नहीं, तुम अब परीक्षा दे सकते हो, पर तुम्हें अलग-अलग कक्षाओं में बैठना होगा और केवल एक आसान से प्रश्न का उत्तर देना होगा।” जल्दी करते हुए, वे अलग-अलग कक्षाओं में गए और जिन प्रश्न पत्रों को मिला, उसमें केवल एक ही प्रश्न था, “गाड़ी का कौनसा टायर पंच हुआ था?” यह देखकर चारों का दिमाग खराब हो गया और उन्हें समझ आया कि अध्यापक ने उनकी चाल का पता लगा लिया है क्योंकि यदि कोई भी एक भिन्न उत्तर देता, तो बचना मुश्किल हो जाएगा।

मजेदार स्टोरी इन हिंदी
कॉलेज के दोस्त की कहानी

अकबर और बीरबल

एक बार राजा अकबर के दिमाग में यह प्रश्न आया कि आखिर उनके राज्य में कितने कौवे हैं। उन्होंने अपने राज्य में मौजूद कौवों की गिनती करने का मन बनाया और अपने कुछ सैनिकों को राज्य के सभी कौवों की गिनती के आदेश दिए। सैनिक कौवों की गिनती के लिए निकल पड़े, पर वे नहीं जानते थे कि आखिर कौवे कैसे गिने जा सकते हैं, क्योंकि सारे कौवे एक समान दिखते हैं और वे एक जगह पर ठहरे भी नहीं थे जिस कारण उन्हें गिन पाना संभव नहीं था। फिर भी सैनिकों ने बहुत कोशिश की, पर उन्हें पता था कि वे सारे कौवे नहीं गिन सकेंगे। तब सैनिक डरे हुए बीरबल के पास गए, बीरबल ने कहा कि ठीक है, वह कल राज दरबार पहुंचेंगे और सारे कौवों की गिनती करेंगे।

सभी सैनिक अगले दिन राज दरबार पहुंचे, तो महाराज ने उनसे कहा कि बताओ, हमारे राज्य में कितने कौवे हैं? तब सैनिकों ने कहा कि महाराज, सही आंकड़ा बीरबल जी को पता है, वह गिनती कर आते ही होंगे। तब बीरबल राज दरबार में पहुंचे, तो महाराज ने कहा कि बीरबल, बताओं हमारे राज्य में कितने कौवे हैं, यदि तुमने सही उत्तर नहीं दिया तो तुम्हारा सर भी काट दिया जाएगा।

तब बीरबल ने अपनी चतुराई का उपयोग किया और कहा कि महाराज, अपने राज्य में 5644 कौवे हैं, यदि आपको यकीन नहीं है तो आप स्वयं उन्हें गिन सकते हैं और यदि आपको इससे कम कौवे मिले तो हो सकता है कि अपने राज्य के कौवे दूसरे राज्य में गए हुए हैं और यदि इससे ज्यादा मिले तो हो सकता है कि दूसरे राज्य के कौवे अपने राज्य में आए हुए हैं। इस पर राजा बहुत खुश हुए और बीरबल की चतुराई की प्रशंसा करने लगे और कहा कि बीरबल, तुम वाकई बहुत ही चतुर हो।

अकबर और बीरबल की कहानी
अकबर और बीरबल

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