किस्मत जिसे मुकद्दर. तकदीर आदि कहा जाता है, हमारे वश में नहीं होती है। उसे जब बदलना होता है तब ही बदलती है, तब तक केवल हमे प्रयासों पर ही ध्यान देना चाहिए। कुछ लोगों की किस्मत काफी अच्छी होती है उन्हें सबकुछ आसानी से मिल जाता है और उनके जीवन में खुशियाँ हमेशा बनी रहती है। परन्तु कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी किस्मत कभी उनका साथ नहीं देती हैं उनकी लाख मेहनत के बाद भी वे हार जाते हैं पर कभी भी किस्मत को दोष नहीं देना चाहिए हमेशा खुद पर यकीन रखना चाहिए और कार्य करना चाहिए। अगर आप किस्मत पर आधारित शायरियां तलाश रहे हैं तो इस लेख में आपको किस्मत शायरी हिंदी में kismat shayari, Kismat Shayari in Hindi, किस्मत पर शायरी स्टेटस मिल जाएंगी।
Best 70+ Kismat Shayari in Hindi – किस्मत शायरी
कितने सच कितने अफ़साने,
कैसी ये रेखाओं की बस्ती है,
वही मुकम्मल है ताने बाने,
जो ये किस्मत बुना करती है।
बात मुकद्दर पे आ के रुकी है
वरना
कोई कसर तो न छोड़ी थी
तुझे चाहने में
फिर शान इस शहर को नई आप से मिली
मुस्कान इस शहर को नई आप से मिली
पाकर के साथ आपका किस्मत बदल गयी
पहचान इस शहर को नई आप से मिली।
सुना है अब भी मेरे हाथों कि
लकीरों में
नाजूमियों को मुक़द्दर
दिखाई देता है !!
काश मेरी किस्मत
कोरे कागज जैसी होती
जिस पर मैं रोज खुद लिख पाता..!
मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही।
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ा,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों की,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां,
ख़ुद को छुपाने के लिए।
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करे
सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नही करता!
मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर है
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ
वो ही दूर हो जाता है!
दिल अमीर था मगर मुकद्दर गरीब था,
मिलकर बिछड़ना तो हमारा नसीब था,
हम चाह कर भी कुछ कर ना सके,
घर जलता रहा और समंदर करीब था ।
किस्मत भी उनका साथ देती है,
जिनमें कुछ कर गुजरने की हिम्मत होती है।
जिनका मिलना किस्मत में नही
होता, उनसे मोहब्बत कसम से
कमाल की होती है।
मेरी किस्मत से खेलने वाले
मुझ को दुनिया से बेखबर कर दे!
तुमसे दूर रहने की
हिम्मत नही मेरी
हरदम तेरे पास रहूं
ऐसी किस्मत कहां है मेरी..!
जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर
आएगा,जो नहीं होगा वो पास आकर
भी दूर चला जाएगा।
दुआ की न पूछो की कितनी है कुदरत,
उठा के हाथ देखो बदलती है किस्मत।
जिंदगी और किस्मत से ज्यादा सवाल
करना फिजूल है भला सवाल किसे पसंद होते है!
इल्म हो गया मुझे
मेरी अहमियत खो गई है
जागी थी जो फिर से वो
किस्मत अब सो गई है..!
खरीद सकते तो उन्हें अपनी जिंदगी बेचकर खरीद लाते
पर अफसोस कुछ लोग कीमत से नही किस्मत से मिलते है!!
जब इंसान की क़िस्मत चलती है,
तो हर बाजार में सबसे ऊंची उसकी क़ीमत लगती है।
काश किस्मत भी नींद की तरह होती,
हर सुबह खुल जाती।
सारा इल्जाम अपने सर ले कर
हमने किस्मत को माफ कर दिया!
तुम थे नही कही भी मगर
हर जगह तुम ही थे
दुनिया की भीड़ में कही
जैसे बस हम ही घूम थे.!!
किस्मत की कश्ती का माँझी क्यों सो जाता है,
चाँद ढूँढते ढूँढते तारों में खो जाता है।
तक़दीर ने क्या खूब खेल खेला है
मेरे दिल पे तेरा नाम
और जिंदगी पर किसी और का नाम लिखा है
किसी को प्यार करना और उसी
के प्यार को पाना,ये किसी किस्मत
वाले कि किस्मत में ही होता है।
कल भी मन अकेला थाएआज भी अकेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है’!
तक़दीर लिखने वाले एक
एहसान करदे
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और
मुस्कान लिख दे
न मिले कभी दर्द उनको
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं
मेरी जान लिख दे !!
मैंने किस्मत पर भरोसा
करना छोड़ दिया था
पर तुझे पाया तो किस्मत
अच्छी लगने लगी है..!
किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।
मेरे लिखने से अगर बदल जाती किस्मत तो
हिस्से में तेरे सारा जहाँ लिख देती!
रिश्ते नाते झूठे हैं सब स्वार्थ का झमेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है!
कुछ लोगों को मिल जाता है सबकुछ
कुछ बोलने से ही पहले,
बिन बोले कुछ मिल जाए हमे भी
ऐसा किस्मत हमारा कहा ?
जिसके लफ़्जों में हमे अपना अक़्स मिलता है,
क़िस्मत से ऐसा कोई शख़्स मिलता है।
खुद के लिए गालिया आ रही है मेरी जुबां पर,
क़िस्मत ने ला कर छोड़ा है कुछ ऐसे मक़ाम पर।
किसी को याद करना भी किसी को याद आना भी
बहुत तकलीफ़ देता है किसी को भूल जाना भी
जमीन और किस्मत एक जैसी होती हैं,
इंसान जो बोता है,उसे वैसा ही फल मिलता है ।
किस्मत ने कहा, आज से सब हुआ तेरा,
मैंने कहा, अभी मन नहीं भरा मेरा।
सच देखना भी हर किसी के वश में नहीं होता
इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे।
सारी दौलत तिरे क़दमों में पड़ी लगती है
तू जहाँ होता है क़िस्मत भी गड़ी लगती है
मेरी बेपनाह मोहब्बत का नज़राना हो तुम,
मेरी चमकी हुई किस्मत का खज़ाना हो तुम।
क्यूं हथेली की लकीरों से हैं
आगे उंगलियां
रब ने भी किस्मत से आगे
मेहनत रखी !!
मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ,
वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए।
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !
कहर हो बला हो जो कुछ हो
काश तुम मेरे लिये होते
मेरी किस्मत में गम अगर इतना था
दिल भी या रब कई दिये होते !!’
ये इक रोज़ बिछड़ जाने का डर मौला
डाल गया है मेरे मन में घर मौला
जिंदगी में चुनौतियाँ,हर किसी के हिस्से में नहीं आती है,
क्योंकि किस्मत भी,किस्मत वालों को ही आजमाती है।
लिखा है मेरी तक़दीर में तेरा नाम
दुनिया से क्या डरना
चाहे लाख कोशिश कर ले जमाना
मुमकिन नही हमको तुम से जुदा कर पाना!
प्यार हो तो किस्मत में हो,
वरना दिलों में तो सबके होता हैं।
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली !!
लिखा क़िस्मत में जो उसने वही बस हक़ से पाया है
न पाया हक़ से गर होगा बला देगी यही दुनिया
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली !!
ज़माने से ना डर जरा किस्मत पे भरोसा कर
जब तक़दीर लिखने वाले ने लिखा है साथ
तो फिर किस बात का है दर!
इसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थी,
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में।
दिल जब ख़ाली हो जाता है
और भी भारी हो जाता है
किस्मत जाग गयी मैं सोता रहा,
किस्मत भाग गयी मैं रोता रहा।
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी।
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है!
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां, ख़ुद को छुपाने के लिए।
बुझी समा भी जल सकता है
हरा हुआ भी जीत सकता है
अगर किस्मत साथ हो।
तेरा मिलना मेरी तकदीर में लिक्खा था मगर
तेरा होना मेरी तकदीर में लिक्खा न गया
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !
बिन लगाए पौधा फूल नहीं खिलता,
वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा,
किसी को कुछ नहीं मिलता।
यूँ ही नहीं होती हाँथ की लकीरों के आगे उँगलियाँ
रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है!
किस्मत मात्र एक छलावा है कर्म के गीत गाओ,
हो गई सुबह ख्वाब छोड़ो हकीकत से आँख मिलाओ।
बेकार मत समझना, दुआ की भी पड़ती है जरूरत,
कई बार सिर झुकाने से भी बदलती है किस्मत।
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता!
एक बात तो पक्की है,जिनके दिल बहोत अच्छे होते हैं,
अक्सर किस्मत उनकी हीबहुत खराब होती है!
अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब,
जब जान से प्यारे लोग बदल गए,
तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।
जब भी खुदा दुनियां की
क़िस्मत में चमत्कार लिखता है,
मेरे नसीब में थोड़ा और इंतज़ार लिखता है||
जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर आएगा,
जो नहीं होगा वो पास आकर भी दूर चला जाएगा।
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