इस लेख में आप जानेंगे कि नाड़ी दोष क्या होता है तथा इस दोष को कैसे दूर किया जा सकता हैं।
नाड़ी दोष क्या होता है?
कुंडली मिलाते समय नाड़ी दोष बनने पर लड़की का विवाह करने से मना कर दिया जाता हैं। गुण मिलान करते समय आठ कूटों का मिलान किया जाता है जिसे अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है वर्ण, वश्य, तारा, योनी, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!नाड़ी ३ प्रकार की होती हैं आदि नाड़ी, मध्य नाड़ी, अन्त्य नाड़ी। प्रत्येक इंसान की जन्म कुंडली में चन्द्रमा की किसी नक्षत्र विशेष में उपस्थिति से उस इंसान की नाड़ी का पता चलता है। नक्षत्र कुल 27 होते हैं तथा इनमें से किन्हीं 9 नक्षत्रों में चन्द्रमा के स्थित होने से कुंडली धारक की कोई एक नाड़ी होती है।
नाड़ी दोष के प्रभाव
नाड़ी दोष होने पर कई तरह की परेशानी होती हैं जैसे अनचाहे अपवाद, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, बांझपन व आकर्षण का कम हो जाना, परेशानी, विवाहित जीवन में समस्याओ का रहना, संतान का विकलांग पैदा होना आदी।
समाप्त करने के लिए उपाय
नाड़ी दोष को दूर किया जा सकता है। इसके लिए महा मृत्युंजय मंत्रों का जाप करना होता हैं। शंकर भगवान के मंत्र से नाड़ी दोष से मुक्त हुआ जा सकता है इसके अलावा गरीब और जरूरतमंदों को अनाज, कपड़े आदि दान करने से, ब्राह्मण को गाय और स्वर्ण-नाड़ी भेंट से भी नाड़ी दोष दूर हो सकता हैं।
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