मोटीवेशनल स्वामी विवेकानंद कोट्स

मोटीवेशनल स्वामी विवेकानंद कोट्स

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By Mridul Navgotri

स्वामी विवेकानंद को जितना पढ़ा जाए उतना कम है क्योकि उन्होंने इस दुनिया को साधारण ज्ञान के अलावा धर्म, आध्यात्म, और योग का ज्ञान भी दिया। स्वामी विवेकानन्द एक महान संत के साथ साथ समाज सुधारक तथा दार्शनिक भी थे। इन्होंने हिन्दू धर्म से इस दुनिया को अवगत करवाया था। इनके विचारो को आज भी हर कोई अनुसरण करता है, इन्होने मनुष्य को यह बताया की वह इस संसार में केवल इसलिए नही आये है कि किसी भी तरह जीवन व्यापन कर लिया मनुष्य का मुख्य कर्तव्य दुसरे लोगो की सहायता करना है। ऐसे ही और मोटीवेशनल स्वामी विवेकानंद कोट्स (Swami Vivekananda motivational quotes in Hindi) पढने के लिए हमारी इस पोस्ट का उपयोग करें।

मोटीवेशनल स्वामी विवेकानंद कोट्स

मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।

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मौन, क्रोध की सर्वोत्तम चिकित्सा है।

खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।

एक बार किसी ने स्वामी विवेकानंद जी से पूछा कि-
सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है?
स्वामी विवेकानंद जी ने जवाब दिया-
उस उम्मीद को खो देना जिसके भरोसे हम
सब कुछ वापस पा सकते हैं।

बाहरी प्रकृति केवल आंतरिक प्रकृति बड़ी है।

एक नायक बनो और सदैव खुद से कहो मुझे कोई डर नहीं है जैसा मैं सोच सकता हूं वैसा जीवन में जी भी सकता हूँ।

जब तक तुम अपने आप में विश्वास नहीं करोगे, तब तक भगवान में विश्वास नहीं कर सकते।

बाधाएं वे चीजें होती हैं जिन्हें आप तब देखते हो
जब आप अपनी नजर लक्ष्य से हटा लेते हो

स्वामी विवेकानंद के सुविचार

किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये..
आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।

जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है.

अगर धन दुसरो की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा ये सिर्फ बुरे का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।

एक विचार लो और उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो,
उसी विचार के बारे में सोचो,
उसी के सपने देखो उसी को जिओ।

 स्वामी विवेकानंद के सबसे बेहतरीन कोट्स

खड़े हो जाओ हिम्मत वाले बनो सब जवाबदारीयां अपने सर ओढ़ लो और याद रखो अपने नसीब के रचयिता आप खुद हो।

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।

किसी की निंदा ना करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं तो ज़रुर बढाएं अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

भगवान को अपने प्रिय की तरह पूजा जाना चाहिए, यह पूजा आज के और अगले जीवन से बढ़कर होनी चाहिए।

हम क्या है यह हमारा आत्मविश्वास बताता है
और हम क्या कर सकते हैं
यह हमारा आत्मबल
और मेहनत कर दिखाता है

स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक विचार

आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी और उच्च मानवीय मूल्यों
के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता।

सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.

अपने लक्ष्य को अपनी कबीलियत के स्तर से निचा न रखे। बल्कि, अपने काबिलियत के स्तर को अपने लक्ष्य के जितना बड़ा बनाने की कोशिश करे।

स्वामी विवेकानंद के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

चिंतन करो, चिंता नहीं; नए विचारों को जन्म दो।

हमें ऐसी शिक्षा चाहिए,
जिससे चरित्र का निर्माण हो,
मन की शक्ति बड़े,
बुद्धि का विकास हो
और मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके।

खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।

एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारों ठोकरें खाने के बाद ही होता है।

राम राम करने से कोई धार्मिक नहीं हो जाता। जो प्रभु की इच्छानुसार काम करता है वही धार्मिक है।

मार्ग में बाधाएं आने से मार्ग को
बदल लेना उचित है
किंतु उसके लिए लक्ष्य को बदलना
बिल्कुल ही अनुचित है..!!

संघर्ष से तुम करो मित्रता चुनौतियों का
तुम शिकार करो
थकना रुकना है कायरों का काम
मेहनत से अपना चमत्कार करो

“सोच भले ही नयी रखो मगर संस्कार हमेशा पुराने होने चहिये।

हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे.

हम हमेशा अपनी कमज़ोरी को अपनी शक्ति बताने की कोशिश करते हैं,अपनी भावुकता को प्रेम कहते हैं और अपनी कायरता को धैर्य।

जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है। यह अग्नि का दोष नहीं है।

शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो सभी मनुष्यों में पहले से विद्यमान है

इच्छा का समुद्र हमेशा अतृप्त रहता है, उसकी माँगे ज्यों-ज्यों पूरी की जाती है, त्यों-त्यों और गर्जन करता है।

स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक विचार

शिक्षा व्यक्ति में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है।

जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।

समस्त प्रकृति आत्मा के लिए है, आत्मा प्रकृति के लिए नहीं।

जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो,
ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए,
नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है।

कुछ सच्चे, इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं, जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं।

सच हजारो तरीके से कहा जा सकता हैं तब भी उसका हर एक रूप सच ही हैं।

सभी को मरना है, सज्जन भी मरेंगे और दुर्जन भी मरेंगे, गरीब भी मरेंगे और अमीर भी मरेंगे इसलिए निष्कपट होकर जीवन जियो।

अगर मेहनत आदत बन जाए
इरादा पक्का और मंजिलें जिद्दी बन जाए
तो कामयाबी अपने आप चलकर आएगी !

जो तुम सोचोगे हो वो हो जाओगे।
यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो,
तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को
ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।

हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें, और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लाने का प्रयास करें.

जब तक करोड़ों लोग भूखे और अज्ञानी रहेंगे, मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को विश्वासघाती मानूंगा जो उनकी कीमत पर शिक्षित हुआ है और उनकी ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है।

बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है, जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की

जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।

मेहनत से जीवन की हर मुश्किल से बाहर निकला जा सकता है।

ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।

जब तक लाखों लोग भूखे और अज्ञानी है,
तब तक मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को गद्दार मानता हूँ,
जो उनके बल पर शिक्षित हुआ
और अब वह उसकी ओर ध्यान नहीं देता।

ह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है।

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