शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है

शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है

No Comments

Photo of author

By Shubham Jadhav

आज आप जानना चाहते हैं कि शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है? तो इस लेख को अंत तक पढ़े।

शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है

शुगर और डायबिटीज एक ही बीमारी को कहा जाता है इनमे कोई अंतर नही है।

ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!

डायबिटीज एक प्रकार की बीमारी है जिसे शुगर होना कहते हैं। जो शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने के कारण होती है, हमारे शरीर में इन्सुलिन मोजूद है जिसका का काम खून तक ग्लूकोज़ पहुचाना है पर अगर यह सही ठंग से काम न कर पाए और इन्सुलिन शरीर में बढ़ने लगे या घटने लगे तो इस कारण शरीर में शुगर का स्तर बड़ जाता है, Diabetes मुख्य प्रकार तीन है –

टाइप-1 डायबिटीज

टाइप-1 डायबिटीज में हमारे शरीर में इन्सुलिन का निर्माण जरूरत से कम हो जाता है जिस कारण शरीर में शुगर बड़ जाती है। इस टाइप के लक्षण कुछ ही हफ्ते में दिखाई दे सकते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन या इंसुलिन पंप की मदद ली जाती है तथा टाइप 1 मधुमेह अचानक शुरू हो सकता है, सामान्य रूप से यह बचपन या किशोरावस्था में होता है।

टाइप-2 डायबिटीज

टाइप-2 डायबिटीज में शरीर इन्सुलिन का निर्माण होता तो है पर शरीर उसका उपयोग नही कर पाता है जिस वजह से डायबिटीज की समस्या हो जाती है। टाइप-2 डायबिटीज़ के लक्षण कई दिनों तक दिखाई नहीं देते हैं, टाइप 2 मधुमेह उन लोगों में होने की अधिक संभावना है जो 40 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, अधिक वजन वाले हैं, या जिनके परिवार में मधुमेह का इतिहास रहा है। मधुमेह के 90 प्रतिशत मामले टाइप 2 के ही होते हैं, तथा महिलायें जिन्हें कभी पहले गर्भावस्था मधुमेह हुआ है उन्हें टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा ज्यादा है।

जेस्टेशनल डायबिटीज

जेस्टेशनल डायबिटीज गर्भवस्था के दौरान होती है क्योकि इस समय महिला के शरीर में कई तरह एक बदलाव होते हैं और कई बार शरीर में शर्करा बड़ जाती है, इस मधुमेह में महिला को कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिसमे धुंधला दिखना, ज्यादा पेशाब आना, मुंह सुखना, ज्यादा प्यास लगना शामिल है। स्वस्थ्य आहार, व्यायाम और वजन पर नियन्त्रण रख कर इससे बचा जा सकता है।

डायबिटीज के कारण

  • इन्सुलिन की कमी – यदि शरीर में इन्सुलिन की मात्र अनियंत्रित हो जाएँ तो डायबिटीज हो जाती है, इसे नियंत्रित रखने के लिए व्यायाम, संतुलित भोजन की जरूरत होती है।
  • अनुवांशिकी – यदि किसी व्यक्ति के माता पिता को डायबिटीज है तो उसे भी डायबिटीज होने सम्भावना रहती है, इसीलिए इसे अनुवांशिक बीमारी के रूप में देखा जाता है।
  • हार्मोन्स का असंतुलित – हमारे शरीर में हार्मोन का रोल मुख्य होता है, यदि यह असंतुलित हो जाएँ तो कई बीमारियाँ जन्म ले सकती हैं जिसमे डायबिटीज भी शामिल है।
  • ज्यादा मीठा खाना – अत्यधिक मीठा खाने से शरीर में शर्करा का स्तर बड़ जाता है और डायबिटीज हो जाती है, इसीलिए कभी भी ज्यादा मीठा नहीं खाना चाहिए और इसे खाने से बचना चाहिए।
  • नशा करना – नशा करने से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और अंग सामान्य रूप से काम नहीं करते हैं जिस कारण शरीर में कई तरह की बीमारियाँ जन्म लेने लगती है, इसलिए नशा करने वाले व्यक्ति को डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है।

डायबिटीज़ के मुख्य लक्षण

डायबिटीज़ के मुख्य लक्षण है बार-बार पेशाब आना, भूख बहुत अधिक लगना,अचानक से शरीर का वजह कम हो जाना या बढ़ जाना, घाव भरने में बहुत अधिक समय लगना, आंखों के आगे धुंधलापन, बहुत अधिक प्यास लगना आदि।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

1Shares

Leave a Comment